सांसें लिखेगी पल-पल वफ़ा के तज़किरे
हसीं लम्हों को जीकर एक मकाम देंगे
लबों की जुंबिश जुदा भले धड़कनों से
रख हाथों में हाथ रंग ए एहतराम देंगे
यकीं की जमीं बहुत ही खूबसूरत है
बिखरेगी खुशबू जितना ही इल्ज़ाम देंगे
हिज़्र है तो है पर वस्ल की चाह भी है
इस सुकून की खातिर हर इंतजाम देंगे
इश्क़ के नाम रहेगी पूरी जिंदगानी तो
एक-दूजे के लिए खुद को इकराम देंगे
मुहब्बत की आबरू रखना दिल वालों
लोग मुहब्बत में एक दिन इल्हाम देंगे
- सपना चन्द्रा
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