साहित्य चक्र

22 February 2022

कविताः हृदय की झंकार सुन




तुझ में कौशल, हो जा निपुण,
सतर्क रहकर लक्ष्य को चुन,
ललकार की है, तुझ में एक धुन,
हृदय की झंकार सुन

एक नया सा, तुझ में जुनून,
साथ में भी रख सुकून,
समय का तू कर ना खून,
हृदय की झंकार सुन

जिंदगी रंग बिरंगा ऊन,
एक नया सा ख्वाब बुन,
हर सपने को कर दे तू पूर्ण,
हृदय की झंकार सुन

मधुर सी ध्वनि, तुझ में करे गुनगुन,
खुशनुमा सा, तू एक शगुन,
बेशुमार तुझ में है गुण,
हृदय की झंकार सुन

तुझ में कौशल, हो जा निपुण,
सतर्क रहकर अपनों को चुन,
ललकार की है, तुझ में एक धुन,
हृदय की झंकार सुन


                       लेखिकाः डॉ. माध्वी बोरसे


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