साहित्य चक्र

01 June 2019

हे भारत माता तेरा अभिनन्दन

हे भारत माता 
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हे भारत माता तेरा अभिनन्दन 
तेरी मिट्टी का कण-कण चन्दन


चाहूँ तेरे चप्पे-चप्पे में हो उजियारा 
दूध-दही की बहती रहे सदा नदी धारा


यहाँ के नेताओं को मिले सद्बुद्धि 
विधर्मियों की हो जाये बस शुद्धि


कोई जन न कर पाये कभी क्रंदन 
हे भारत माता तेरा अभिनन्दन


आतंकवाद-नक्सलवाद मिट जाये 
राष्ट्रप्रेम का गीत घर-घर गाया जाये


मंदिर-मस्जिद में न हो कभी लड़ाई 
हिंदू-मुस्लिम बनकर रहें यहाँ भाई-भाई


झूठ, कपट, छल, द्वेष का हो खंडन
हे भारत माता तेरा अभिनन्दन


सुभाष, भगत, बिस्मिल का स्वप्न हो साकार 
दीन-दुखी, निबल-बिकल रहे न कोई लाचार


                            - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 


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