देश के हालात दिन-प्रतिदिन लगातार गंभीर होते जा रहे है। कभी मासूम 2 वर्ष की ट्विंकल को मार दिया जाता है, तो कभी मासूम बच्ची से रेप जैसे घटनाएं आए दिन देखने और सुनने को मिलती है। उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले में पैसे के विवाद को लेकर ढाई साल की मासूम बच्ची ट्विंकल शर्मा की दो लोगों ने मिलकर निर्मम हत्या कर दी। इस पूरे घटना क्रम के बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। देश की जनता सोशल मीडिया के जरिए अपना गुस्सा जाहिर कर रही है। सोशल मीडिया के जरिए देश की जनता ट्विंकल के हत्यारों को फांसी देने की मांग उठा रही है। सिर्फ ट्विंकल के हत्यारों को ही क्यों सभी ऐसे आरोपियों को फांसी होनी चाहिए। तभी इस घटनाओं को काम और रोका जा सकता है। देश की केंद्र सरकार को इन घटनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए। भारत में महिलाओं पर लगातार उत्पीड़न, छेड़छाड़ जैसी घटनाएं आये दिन सामने आ रहीं है। जो भारतीय महिलाओं के लिए सबसे बड़ा डर बन चुका हैं।
अलीगढ़ ट्विंकल-कांड में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार तो किया है, लेकिन अभी तक कोई साफ पुष्टि सामने नहीं आयी है। इस घटना क्रम से आप साफ अंदाजा लगा सकते हैं, कोई आदमी किस हद तक हैवान बन सकता है। अलीगढ़ की मासूम बच्ची ट्विंकल के शरीर में जितनी हड्डियां नहीं थी, उससे ज्यादा उसके शरीर में घाव थे। अब यही घाव हत्यारों को फांसी की सजा सुनने के लिए तड़प रहे है। क्या ट्विकल को न्याय मिलेगा ?आखिर मिलेगा भी तो कितने दिनों में.. ? अगर उन हत्यारों को फांसी की सजा नहीं मिली तो उस मासूम की आत्मा और उसके परिजनों पर क्या गुजरेगी ?
सभी राजनीतिक पार्टियों और केंद्र सरकार से लेकर सभी राज्य सरकारों से एक छोटी-सी गुजारिश हैं। देश के सभी महिला उत्पीड़न, रेप, छोड़छाड़ जैसे घिनौनें मामलों में सीधी फांसी की सजा का प्रावधान हो। जिससे आरोपियों के मन में एक खौफ पैदा होगा और देश में महिलाएं के प्रति जागरूकता आएगी। जिससे हमारे देश की नारी अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगी।
हैवानियतों ने जिस तरीके से 2 वर्ष की ट्विंकल शर्मा के शरीर को नोचा, वह हम भारतीयों के लिए एक कलंक जैसा हैं। आप मानो या ना मानो अगर देश में ऐसी घटनाएं होती रही, तो वह दिन दूर नहीं जब इस देश के नारी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। कभी कठुआ कांड होता है तो कभी अलीगढ़ कांड उसके बाद भी हमारी देश की सरकार और सभी राजनीतिक पार्टियां इन सभी कांडों को लेकर को ठोस कानून या कदम नहीं उठा पाएं है।
वैसे कुछ लोग इन घटनाओं पर भी राजनीति करना नहीं भूलते हैं। वो इन घिनौने वारदातों पर भी मजहबी रंग और जाति-धर्म खोजते हैं। जो हमारी मानसिक हमारे देश की महिलाओं के प्रति साफ दिखाती है। हम आज भी जाति और धर्म के कुएँ में डूबे हैं। हमें एक स्वच्छ समाज बनाने के लिए इस धर्म-जाति के कुएँ से निकलना होगा। हमें सभी को एक नजरिए से देखना होगा, चाहे वह मुस्लिम हो या फिर हिंदू। ऐसी घिनौनी वारदातों को अंजाम देना वाला आरोप कोई भी हो। उसे सजा-ए-मौत होना चाहिए।
अगर देश और अपने समाज को सही-साफ और मजबूत बनाना है, तो हम सभी को एक होकर समाज की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर देश का हाल ऐसा ही रहा तो कभी ऐसी घटनाओं का शिकार आप या आपका परिवार, मैं या मेरा परिवार भी हो सकता है।
देश के सभी रेप-बलात्कार, महिला उत्पीड़न, छेड़छाड़ जैसे सभी आरोपियों और हत्यारों को सजा-ए-मौत होना चाहिए। तभी एक अखंड भारत और विकसित भारत की सही शुरूआत होगी।
संपादन- दीपक कोहली
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