साहित्य चक्र

20 June 2019

नोच लो नारी को




नोच लो नारी को 
कौन सा धर्म कहता है ? 
आग लगा दो उस धर्म को 
यदि वो ऐसा कहता है 
और यदि नहीं ऐसा तो 
ऐसे ऐसो को ये धर्म मानने वाला 
पुजारी , महंत , मौलाना क्यों कहता है 
नकाब के पीछे से निकलो 
इनके असली चेहरे 
जिन्हें ये धर्म गोद लिये बैठा है 
काहे के धर्मराज था वो 
जिसने सभा में चीर खिंचवाया 
इस धर्म ने आदि से ले 
आधुनिक युग तक 
धर्म के नाम पर नोंच नोंच खाया।  

गुनहगार ठहरा दी जाती 
ज़िस्म रौंद बहा दी जाती 
कभी सिलेंडर अग्नि कांडों में 
बिन दहेज़ जला दी जाती । 
ले जा कर बियाबानो
बालिग , नाबालिग भी 
रेपिस्ट के हाथों नोची जाती 
 कालिख भी उन्हीं पर पोती जाती ॥ 
अंग दर्द से रंजित हैं 
मर्द की बेरहम की पीड़ा
उम्र भर कचोटती आत्मा 
नस नस अवसाद से भर जाती । 

                                      डॉ .राजकुमारी 


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