जीवन में माधुर्य लुटाये वो कविता होती है
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शब्दों का मधुर गुंजन कविता होती है।
भावना की अभिव्यक्ति कविता होती है।।
छन्द मात्रा लय ताल सुर कविता होती है।
जीवन मे माधुर्य लुटाये वो कविता होती है।।
प्रकृति का अतुलित आनन्द कविता होती है।
संघर्षों में विजय दिला दे वो कविता होती है।।
सत्पथ पर सबको चला दे वो कविता होती है।
राष्ट्रभाव रग रग मे जगा दे वो कविता होती है।।
सूर कबीर रसखान बना दे वो कविता होती है।
तुलसी बाबा की चौपाइयों सी कविता होती है।।
गंगा सी निर्मल अविरल बहे वो कविता होती है।
पशु पक्षियों के मीठे कलरव सी कविता होती है।।
शौर्य वीरता श्रृंगार की परिभाषा कविता होती है।
नव रस में सहज सरल भाषा में कविता होती है।।
कवि राजेश पुरोहित
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