साहित्य चक्र

06 April 2025

कविता- जीवन पथ


फोटो सोर्स- गूगल


तुम अपने पथ को 
सुपथ करते जाओ 
जीवन में जय पराजय 
तो चली रहती हैँ।

तुम स्वयं के लिए 
मार्ग सुगम बनाते जाओ 
जीवन में कठिन 
डगर तो आते रहते हैं।

तुम हार कर भी 
ज़रा जीतना सीखो 
लोग दुनिया जीत कर भी 
स्वयं से हार जाते हैँ।

 तुम जीवन रथ पर
 चढ़कर दौड़ना सीखो 
 लोग तो पथ पर कांटे
 कहीं ना कहीं बिछाते रहेेंगे।


                                -डॉ. राजीव डोगरा


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