माह अगस्त महीना था,
देश हुआ आज़ाद,
शहादत देशभक्तों की,
रखनी है हमें याद,
देख साहस वीरों का,
भागा हर फ़िरंगा,
आओ फहरायें हम मिलकर,
महान देश का तिरंगा।
राष्ट्र एकता की अलख जगी,
जिस पर हमको गर्व है,
संकल्प लें भाईचारे का,
आज़ादी का पर्व है,
तभी बहेगी मन में हमारे,
सदा प्रेम की गंगा,
आओ फहरायें हम मिलकर,
प्यारे देश का तिरंगा।
शांति और अमन की अब,
करते हैं सभी कामना,
देश सेवा का भाव हो,
बस यही है शुभकामना,
अब ना हो कभी भी,
जाति-धर्म का दंगा,
आओ फहरायें हम मिलकर,
भारत देश का तिरंगा।
- आनन्द कुमार
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