मान मर्यादा और प्यार
मोहब्बत है पहचान हमारी
कुछ सियासती निकम्मों ने
छीनी हमसे शान हमारी
चलो सियासत का निबाला
होने से सबको बचा ले
प्रेम सौहार्द वाला तिरंगा
हर घर पे फहरा दें
आओ प्रेम सौहार्द....
- नरेन्द्र सोनकर
No comments:
Post a Comment