साहित्य चक्र

14 August 2023

आजादी का महापर्व



अपनी आजादी के महापर्व को
मिलजुल साथ मनाए

तमाम ज़माने की खुशियों को
मिलकर साथ जुटाए

हो संकल्पित न भूखा न
कोई नंगा अब रहेगा

असल में आज़ादी का
अमृत महोत्सव बनेगा

मान मर्यादा और प्यार
मोहब्बत है पहचान हमारी

कुछ सियासती निकम्मों ने
छीनी हमसे शान हमारी

चलो सियासत का निबाला
होने से सबको बचा ले

प्रेम सौहार्द वाला तिरंगा
हर घर पे फहरा दें

आओ प्रेम सौहार्द....


- नरेन्द्र सोनकर


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