साहित्य चक्र

14 August 2023

स्वतंत्रता दिवस पर सुंदर ग़ज़ल



संकट-ग्रस्त को उबार देगा
अन्यायियों को सुधार देगा

पड़ी जरूरत अगर देश को
हर एक हाथ में कुठार देगा

स्वर बुलंद कर इंकलाब का
ललकार देगा ; पुकार देगा

ऑंख दिखाने वालों का तो
धड़ से गरदन उतार देगा

राष्ट्र- विरोधी हरेक ताकतों को
उन्ही के भाषा में दुत्कार देगा

समझा शोषकों को उनकी भाषा
दलित-शोषितों को उभार देगा

गिरा के नफरत की दीवारें सारी
चमन ए वतन को निखार देगा

माॅं भारती के रक्षार्थ 'सोनकरन'
लहू का एक एक बूंद निसार देगा


                                      - नरेन्द्र सोनकर 'कुमार सोनकरन'


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