चलो फिर से वह बीता अविस्मरणीय नज़ारा याद कर लें।
शहीदों के दिल में जली आज़ादी की ज्वाला याद कर लें।
क़ुर्बानी वतन परस्ती के लिए उस जज़्बे को श्रद्धा नमन
फिर हौंसला रगों में अपने वतन के लिए आबाद कर लें।
भेद-भाव सब मिटा, एकता को हम अपनी पहचान कर लें।
हम विश्व मंच पर भारत का नाम बुलंद कर शान बढ़ाये
आओ तिरंगा फहराकर नव हौसलों का आग़ाज़ कर लें।
जो संविधान बना गणतंत्र देश का उसका मान कर लें।
अपने देश की उपलब्धियों पर फिर से गुमान कर लें।
ऐतिहासिक दिन है निष्ठा कर्तव्य निर्वाह का वादा लिए
अपने वतन पर गौरान्वित हम तिरंगे पर अभिमान कर लें।
जय हिंद
- डॉ. प्रतिभा गर्ग
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