आजादी के पचहत्तर साल
तेरा पंचवर्सिय योजनाएं हुए
विकास को ढूंढते मिलकर नेता
नेताओ के घर महल हुए
गरीबों से वसूला ब्याज यहां
सांसदों के हर कर्ज माफ हुए
नेताओ को एम्स,ट्रेन,प्लेन में सीट
खानाबदोशो को जमीन न नसीब हुए
अमीर महा अमीर हुए
गरीब और गरीब तो
कुछ मिडिल क्लास हुए
परोसा गया जात पात यहां
दंगों में जनता शहीद हुए
लोकतंत्र का परचम लेकर
चुनावो के नाम मशहूर हुए
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में
असल मुद्दे कोशो दूर हुए
विकास विकास चिल्लाते नेता
विकास को ही बेरोजगार किए।
- धीरज 'प्रीतो'
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