साहित्य चक्र

15 August 2023

बलिदान




मात्रभूमि ये वीरों की है, वीरों का बलिदान है,
रक्षा करते सदा वतन की, तिरंगा उनकी शान है।

देश के खातिर मरनेवाले, अमर शहीद कहाते हैं,
भारत मां के लाल यहां हँसकर शहीद हो जाते हैं।

जिन वीरों ने प्राण गंवाए देश में उनका नाम है,
धूल चटादेते दुश्मन को ये वीरों का काम है।

घर परिवार कभी न देखा न देखे बीबी बच्चे,
तान के सीना सूली चढ़गये देश भक्त थे वे सच्चे।

अंग्रेजों से जूझ गये जो करगये काम तमाम थे,
सुखदेव आजाद भगतसिंह राजगुरु वो नाम थे।

आज भी रहतीं दिलों मे जिंदा उनकीं अमर कहानी हैं,
बच्चों से लेकर बूढों को रहती याद जुवानी हैं।

कटे थे सिर जिनके सरहद पर बहा हिंद का खून था,
देश भक्ति का जज्बा था और मन मे भरा जुनून था।

सूने हैं वो आँगन जिनमें जन्मे ऐसे लाल थे,
मात पिता और भाई बहिन बीबी बच्चे बेहाल थे।

आतंकी उन गद्दारों को दफनादो कबरिस्तान में,
मिलजुलकर सब दीप जलायें वीरों के सम्मान में।

हिंदू मुस्लिम सिख्ख ईसाई दंगे क्यों भड़काते हो,
शर्म नहीं आती तुमको क्यों आपस में लड़वाते हो।

हर भारतवासी के दिल में शेरों सी दिलजान है,
शुअरों के सौ झुंड भगा दें इक इक वीर महान है।

मात्र भूमि ये वीरों की है वीरों का बलिदान है ,
रक्षा करते सदा वतन की तिरंगा उनकी शान है।


                                               - राणा भूपेंद्र सिंह




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