सोन चिरैया जिसको कहते ,ऐसा प्यारा देश हमारा।
एक तिरंगा शान जहाँ की, सबसे न्यारा देश हमारा।
नृ्त्य देखकर मोह रहा मन, हँसी मोर की शान निराली।
कमल खिला कीचड़ में फिर भी, पुष्प राष्ट्रीय शोभा लाली।
वृक्ष राष्ट्रीय वट बतलाता, धैर्य शक्ति सम जीवन सारा।
सोन चिरैया जिसको कहते, ऐसा प्यारा देश हमारा।
सकल विश्व में भारत अपना, विश्व गुरू बन जाना जाता।
शून्य खोज कर सृजन शक्ति में, प्रथम राष्ट्र यह माना जाता।
ओम् शक्ति है मूल सृष्टि की, सत्य सनातन पर जग वारा।
सोन चिरैया जिसको कहते, ऐसा प्यारा देश हमारा।।
तीन रंग से रंगा झंडा, शाश्वत मौलिक सत्य बताता।
केसरिया जोगी का चोला, श्वेत रंग यह अति सुख लाता ।
हरा रंग वृक्षों की शोभा, धरती माँ शुभ कर की दाता।
हिल मिल कर तीनों रंग सुंदर, सतत रहे रंग मधु हिय प्यारा ।
सोन चिरैया जिसको कहते , ऐसा प्यारा देश हमारा।।
- डॉ. मधु शंखधर '"स्वतंत्र"
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