कृष्ण तुम पर क्या लिखूं मैं,
जीत लिखूं या हार लिखूं मैं,
या गोपियों का रास लिखूं,
या बांसुरी का गीत लिखूं मैं,
या गोपियों का रास लिखूं,
या गीता का उपदेश लिखूं,
यह सुदामा की दोस्ती लिखूं,
या मानव कल्याण लिखूं,
या मामा कंस का वध लिखो,
श्री कृष्ण तुम पर क्या लिखूं,
या देवकी की गोद लिखूं,
या यशोदा मैया का लाड लिखूं,
या माखन मिश्री की लूट लिखूं,
हे कृष्ण तुम पर क्या लिखूं,
तुमने जो गीता ज्ञान दिया,
संसार को सारे मान दिया,
सब तुम्हारे गुण गाते है,
तुम को माखन मिश्री का भोग लगाते हैं,
हे कृष्ण तुम पर जितना लिखूं उतना कम है,
सारे संसार के पालनहार तुम ही हो,
हे कृष्ण अब इस धरती पर आ जाओ,
इस धरती के पाप मिटा जाओ।।
गरिमा
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