साहित्य चक्र

16 August 2020

स्कूलों की घंटी

फिर बजेंगी स्कूलों की घंटी


चिडिया चूँ - चूँ करती आई
कोयल   गाना  गाती  आई ।
परिंदों का स्वर नभ में गूँजा
रश्मि प्रभा भी मुस्काती आई ।।

मम्मी-पापा सबका यह कहना
घर में रहना , घर पर ही पढ़ना ।
दादी हमें अच्छी बात समझाती
फिर खुलेंगे   स्कूल  धैर्य रखना ।।

घर - घर बनें स्कूल , बजी घंटी
पढ़ने  बैठो  गोलू  - राजू - बंटी ।
पढाई  न  रुकी  हैं ,  न  रुकेंगी
फिर  बजेंगी   स्कूलों   में  घंटी ।।

                              ✍️ गोपाल कौशल


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