हम प्रेम पथिक दुनिया से बहुत अंजान है,
दुनिया को जीतेंगे ये ही अपना अरमान हैं,
दुनिया उगते सूरज को प्रणाम करती है,
हम प्रेम का सूरज दिल में उगा रखें है,
हमें दुनिया के जुल्मों सितम से नहीं वास्ता,
हम बनायें खूद अपना प्रेम का सुंदर रास्ता,
हमारी राह पर चलकर दुनिया ये समझेगी,
बड़ा आनन्द देता है सुंदर प्यार का रास्ता।
डॉ कन्हैयालाल गुप्त किशन
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