साहित्य चक्र

23 August 2020

हिंदू खतरे में कब-कब आते हैं..?




अक्सर आपने यह सुना होगा हिंदू खतरे में है। मगर कब से हैं और कहां के हिंदू हैं किसी को नहीं पता होता है। बस लोग बोलते चले जाते हैं औश्र सोशल मीडिया की व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में इसे फैलाते रहते हैं। विडंबना यह है कि यह मैसेज चुनाव के समय ही व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के सिलेबस में आती है। जल्दी ही यह अध्याय बंगाल और बिहार में शुरू होने वाला है, क्योंकि वहां इलेक्शन होने वाले हैं। इसलिए हिंदू खतरे में है का सिलेबस वहां के लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है।

अगर आप सोशल मीडिया में रहते हैं तो मैं आपको गारंटी देता हूं चुनाव के समय आपने भी यह अध्याय अपने किसी मित्र या रिश्तेदार के व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर जरूर पढ़ा होगा। मुझे शर्म आती है उन लोगों से जो इस मैसेज को अन्य लोगों को फॉरवर्ड करते हैं। जरा आप खुद सोचिए भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है और हिंदुओं की जनसंख्या करीब 80 करोड़ से अधिक है। आप मुझे बताइए कैसे हिंदू खतरे में हैं..? आप सोचिए क्या जो हिंदू सुरक्षित है- जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, हिमाचल में क्या उन हिंदुओं के पास रोजगार है..? मैंने इन 4 राज्यों का नाम इसलिए लिया क्योंकि यहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की सरकार है। यानी डबल इंजन की सरकार है उसके बावजूद भी इन चारों प्रदेशों की हालत आप न्यूज़ चैनल और अखबारों में देख रहे हैं।

अगर मैं उत्तर प्रदेश को रेप प्रदेश बोलूं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए जिस तरीके से वहां आए दिन रेप केस आ रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एक संत जी हैं। बेरोजगारी की तो आप बात ही मत करो।
भाई साहब सुनो- अगर आपके यहां चुनाव होने वाले हैं तो आप सोच लेना आपके प्रदेश के हिंदू खतरे में आने वाले हैं। जैसे ही चुनाव खत्म होंगे वैसे ही वह हिंदू सुरक्षित हो जाएंगे। भले ही उन हिंदुओं के पास खाने के लिए रोटी हो या नहीं हो। मुझे तो इस हिंदू समाज पर भी शर्म आती है जो हर बार खतरे में आता है। आखिर आपका समाज इतना कमजोर है जो यूं ही खतरे में आ जाएगा। चार-पांच खुराफाती लोगों के चक्कर में आप अपने धर्म की ऐसी की तैसी क्यों बजा रहे हैं भाई..? खुद सोचो अगर हिंदू खतरे में ही होते तो आज नहीं हमारा देश हजारों साल गुलाम रहा तभी खत्म हो जाता। मेरा आप से निवेदन है- थोड़ा सा अपनी बुद्धि का प्रयोग करें और हर चुनाव में अपने समाज को खतरे से बचाएं हैं।

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