स्वतन्त्रता के मायनों का मूल्य चुकाना है।आज हमें वेद आधारित देश बनाना है।गुलाम हुई हर सोच को,अंधविश्वासों की कारागार से बाहर लाना है|स्वतंत्रता के ,मायनों का मूल्य चुकाना है।राम-कृष्ण के ,आदर्शों का गुणगान भी गाना है।बाबर से अंग्रेजों तक के,इतिहास से एक सबक जगाना है।फिर न होंगे गुलाम,भारत माँ को विश्वास दिलाना है।बाल, लाल, पाल ,भक्त्त सिंह की,शहादत को अमर बनाना है।सुभाष चंद्र बोस के ,आजाद हिंद को हिंदुस्तान बनाना है।शिवाजी, प्रतापगुरु गोविंद का मानवीय धर्म बचाना है।तुम आर्यो की संतान हो,उच्च आदर्शों को पाना है ।मानवता को विकास की राह तक ले जाना है।मानवीय दृष्टिकोण से ,विश्व कीर्तिमान बनाना है |स्वतंत्रता के मायनों का मूल्य चुका है।प्रीति शर्मा "असीम"
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