रिमझिम- रिमझिम
आओ फूहारों ,
मीठे गीत सुनाओं फुहारों।
प्यारी-प्यासी इस धरती पे।
प्रेम का जल बरसाओं फूहारों।।
रिमझिम - रिमझिम
आओं फूहारों।
धान के खेत की आस पूजादों।
पपीहे-चातक की प्यास बुझादों।
प्रेमी-मन भीगे संग-संग।
पुलकित सपनों को,
आस बंधा दो।
रिमझिम रिमझिम
आओं फूहारों।।
मिलन के राग,
सुनाओं फूहारों।
सा -रे -गा -मा को
सुरों में भरके।
मचले मन में,
तरंग उठाओं।
बचपन भी ,
भूलकर सारे बंधन।
कहों .......आ के
कागज़ की नाव चलाओं।
सबकी आंखों में,
उल्लास बन छा जाओं।
सूखी धरा हरी -भरी कर जाओं।
रिमझिम -रिमझिम
सावन आओं।।
प्रीति शर्मा"असीम"
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