जिसको कुछ करना होता है, वह व्यक्ति बहानेबाजी नहीं बल्कि मेहनत कर आगे बढ़ता है। मैंने बहुत सारे लोगों को अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से लेकर गांव में पढ़े होने और इंग्लिश नहीं आने जैसे कई बहाने बनाते हुए सुना है। मगर मेरा मानना है कि जिस व्यक्ति के अंदर दृढ़ शक्ति होती है कुछ कर गुजरने की, तो वह व्यक्ति बहाने बाजी नहीं करता है बल्कि मेहनत कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।
अल्मोड़ा, उत्तराखंड का मेरा एक दोस्त है जिसका नाम कैलाश है। शायद उसकी 8 बहनें हैं। वर्तमान में कैलाश विदेश में नौकरी करता है। चलिए मैं आपको उसके परिवार की स्थिति के बारे में बताता हूं। कैलाश के पिता की मृत्यु कैलाश के बचपन में ही होगी। कैलाश की माता मजदूरी कर अपना घर चलती थी। लोगों से कर्जा लेकर कैलाश की मां ने अपनी लड़कियों की जैसे-तैसे शादी की। कैलाश ने सरकारी स्कूल से 12वीं पास की है। 12वीं पास करने के बाद कैलाश को होटल मैनेजमेंट कर जल्दी से नौकरी प्राप्त करने का विकल्प सबसे अच्छा लगा। कई आर्मी और पुलिस की भर्ती भी कैलाश ने दी, मगर सिलेक्शन नहीं हो पाया।
कैलाश ने होटल मैनेजमेंट करने का मन तो बना लिया मगर उसके पास कोर्स करने के लिए पैसे नहीं थे। कैलाश बताता है कि वह पैसों को लेकर परेशान था, रात में नींद नहीं आती और घर की स्थिति को देखकर रोना आता था। एक दिन रात में कैलाश के मन में एक आइडिया आया और उसने सोचा क्यों ना कुछ गांव वालों से, अपने रिश्तेदारों से और परिवार वालों से छोटा-छोटा अमांउट 5 या 10 हजार कर्ज ले लिया जाए। जैसे ही होटल मैनेजमेंट कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी लगेगी तो धीरे-धीरे सभी का कर्ज आसानी से चुका दूंगा। फिर क्या कैलाश ने अपने आइडिया पर काम किया और पैसा जमा कर होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर लिया। कोर्स पूरा होने के बाद कैलाश को नौकरी मिल गई और कुछ सालों में कैलाश विदेश चला गया। नौकरी लगने के बाद कैलाश ने दो ढाई साल में सभी का कर्ज चुका दिया।
दो-तीन साल पहले कैलाश ने शादी की और गांव वाले का कहना था ऐसी शादी गांव में पहली बार हो रही है। गरीबी में कैलाश का बचपन गुजरा और बहनों की शादी जैसे-तैसे हुई। इतना ही नहीं बल्कि गरीबी के कारण बहनें पढ़ भी नहीं पाई। मगर कैलाश ने अपनी मेहनत से अपनी परिवार की स्थिति बदली है। कैलाश हम सभी के लिए एक उदाहरण है। अगर आपके अंदर दृढ़ शक्ति और आत्मविश्वास है तो आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई भी चीज बांधा नहीं बन सकती है। चाहे आप कितने ही गरीब क्यों ना हो या फिर आपकी शिक्षा किसी भी स्कूल में क्यों नहीं हुई हो। अगर आप चाहे तो कुछ भी कर सकते हैं। बस सही समय पर, सही फैसला लेने की जरूरत होती है।
- दीपक कोहली


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