मेरे बायोलॉजी के अध्यापक जीवनलाल आर्य का मैं तब मुरीद हो गया, जब हाई स्कूल पास करने के बाद 11th में आया और पहली बार उन्होंने बायोलॉजी क्लास ली। जीवनलाल आर्य को देखकर पूरा स्कूल डरता था।
जैसे ही जीवनलाल सर की स्कूल में एंट्री होती, वैसे ही पूरे स्कूल के बच्चे चुप हो जाते थे। कड़क आवाज़, बिना क्रीज टूटी इस्त्री वाले कोट-पैंट और कमर में लगा मोबाइल कवर जीवनलाल आर्य सर को सभी अध्यापकों से अलग बनाता था।
जीवनलाल सर ने हमें बायोलॉजी इतने अच्छे से पढ़ाई है कि मैं आज भी 11th और 12th की बायोलॉजी पढ़ सकता हूं। चाहे अनुवांशिकता का सिद्धांत हो या फिर जैविक वर्गीकरण। जब कभी मैं अकेले में बैठता हूं और जीवनलाल आर्य सर को याद करता हूं तो उनकी बायोलॉजी की क्लास मेरे कानों में गूंजती है। मुझे पहली बार 11th में पता चला कि लड़का या लड़की होने के लिए पुरुष जिम्मेदार होता है ना की महिला।
क्योंकि महिला के पास सिर्फ XX क्रोमोसोम मिलते हैं जबकि पुरुष के पास XY क्रोमोसोम होते हैं। जब महिला का X और पुरुष का X क्रोमोसोम मिलते हैं तब लड़की होती है तथा जब महिला का X और पुरुष का Y क्रोमोसोम मिलते हैं तब लड़का होता है।
इसके अलावा जीवनलाल सर ने जब पहली बार डीएनए और आरएनए समझाया तब पता चला जीव विज्ञान यानी बॉयोलॉजी बहुत ही शानदार विषय है। बायोलॉजी को पढ़ने के बाद मैंने तय कर लिया था कि मुझे मेडिकल फील्ड में ही अपना कैरियर बनाना है, मगर इंग्लिश में हाथ तंग होने के कारण मुझे अपना यहां फैसला बहुत जल्दी बदलना पड़ा।
हां! आज मेरी इंग्लिश थोड़ी बहुत अच्छी हो गई है। मेरी अधिकांश पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है।
मेरा 12वीं पास करने के दो या तीन साल बाद जीवनलाल सर की मृत्यु हो गई। जब पापा ने मुझे यह खबर दी, तो मेरे आंखों में आंसू आ गए। तब मुझे पहली बार पता चला कि उनके कोई बच्चे भी नहीं है। यह सुनकर मेरा दुःख और गहरा हो गया। जीवनलाल सर अपनी मेहनत के लिए शिक्षा विभाग द्वारा कई बार सम्मानित हुए थे। मेरे जीवन के सबसे बेहतर शिक्षकों में जीवनलाल आर्य सर सबसे ऊपर है। चाहे उनका पूरे स्कूल को संबोधित करने का स्टाइल हो या फिर अपने कोट के बटन को ठीक करते हुए अपनी बातों से सब का ध्यान अपनी ओर खींचने की कला हो।
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| दीपक कोहली |
जीवनलाल आर्य एक गंभीर, संवेदनशील और जिम्मेदार अध्यापक थे। मेरा व्यक्तिगत अनुभव कहता है कि हर अध्यापक को जीवनलाल आर्य जैसा होना चाहिए। पढ़ाई के साथ अनुशासन और साथ-साथ खेल-कूद भी होना चाहिए।
काश! जीवन लाल सर से दोबारा जीव विज्ञान यानी बायोलॉजी पढ़ने का मौका मिल पाता और एक डांट दोबारा से सुन पाता।
- दीपक कोहली

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