सफलता हमेशा मार्कशीट देखकर नहीं आती। लगातार मेहनत आपको खुद सफलता के शिखर तक पहुंचा देती है। आज के युवाओं को सिर्फ सफलता पा चुके लोगों से प्ररेणा लेना तो अच्छा लगता है, लेकिन उसे अमल में लाने में आलस करते हैं। साथ ही युवाओं को जल्दी सफलता चाहिए, लेकिन वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। ऐसा क्यों, अगर हमें सफल होना है तो सबसे पहले हमें रिस्क लेना पड़ेगा। जबतक आप रिस्क नहीं लोगे तब तक आप सफल कैसे होगे ?
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हर व्यक्ति के पास सफल होने के लिए कोई न कोई मास्टर प्लान होता है, लेकिन वह डर के कारण उस पर काम नहीं करता। साथ ही वह मास्टर प्लान किसी के साथ शेयर भी नहीं करता, ताकि कोई दूसरा सफल न हो जाए। ऐसा करके अगर वो सोंचता है कि वो सही कर रहा है, तो उससे बड़ा मुर्ख कोई नहीं। सफल वहीं इंसान होता है तो रिस्क लेकर कुछ अलग करता हैं। इसके लिए जरूरी है, अपने जीवन में कुछ परिवर्तन लाने की जैसे...
।। सबसे जरुरी आत्मविश्वास ।।
अगर आपको सफलता हासिल करना है तो आपको अपना आत्मविश्वास बढ़ाना होगा, अगर आत्मविश्वास नहीं होगा तो आप रिस्क नहीं ले पायंगे और जब आप रिस्क नहीं ले पाएंगे तब आप सफल भी नहीं हो पाएंगे। सफल लोगों में एक अलग ही आत्मविश्वास झलकता है।
ज़ाहिर है कि वे खुद में और जो कुछ भी वे करते हैं उसमें यकीन करते हैं। यह आत्मविश्वास उनमें सफल होने के बाद नहीं आया। यह उनमें पहले से ही था। आपके अंदर भी आत्मविश्वास है उसे जानो पहचानो और आगे बढ़ो। हमें रिस्क लेने से घबराना नहीं चाहिए। बल्कि पूरे आत्मविश्वास के साथ रिस्क लेकर सफलता के रस्ते में चलना चाहिए। इसी के बल पर आप सफलता हासिल कर सकते हैं।
।। दिमाग की नहीं, अपने दिल की सुनो ।।
जी हां, अगर आप दिमाग की सुनोगे तो आप कभी भी सही निर्णय नहीं ले पाओगे। ये हम नहीं कह रहे इसे वैज्ञानिकों ने भी साबित किया है। जब हम दिल कि सुनते हैं तो हमारा निर्णय एक दम सही होता। दरअसल, जो हमारा मन चाहता है तो दिमाग नहीं चाहता लेकिन वो दिल चाहता है।
सबसे जरुरी बात दिमाग कभी भी आपको रिस्क लेनें के लिए "हाँ" नहीं बोलेगा। वो इसलिए क्योंकि दिमाग को बहुत डर लगता है। दिमाग डरता कि कही वो कहीं फेल न हो जाए। दिल ऐसा नहीं सोचता। दिल हमारे मन की सुनता है। इसलिए अगर आप सफल होना चाहते हैं तो दिमाग की नहीं बल्कि दिल की सुनो। दिल हमें सही रास्ता दिखता है। रिस्क लेने में दिल कभी डरता नहीं। वो निडर है। आपको जब भी कोई बड़ा रिस्क लेना हो तो अपने दिल की सुनो।
।। रिस्क लेने से पहले एक योजना बनाये ।।
जब कभी भी आपको कोई बड़ा लक्ष्य तय करना हो तो इसके लिए सबसे पहले आपको एक अच्छी सी योजना बनानी होगी। जिस तरह से कोई भी लक्ष्य बिना योजना के पूरा नहीं हो सकता। उसी तरह रिस्क को भी एक योजना की जरुरत होती है। अगर आपने रिस्क ले लिया और इसकी कोई भी योजना नहीं की तो यह निश्चित है कि आप भविष्य में अपने लक्ष्य से भटक जायेंगे और आपका लक्ष्य अधूरा रह जायेगा।
इसलिए सफलता के लिए यह बहुत जरुरी है कि आप रिस्क लेने से पहले पूरी योजना बना ले और फिर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी जान से जुट जाएँ। आपका जो भी लक्ष्य है उसे पाने के लिए आप एक निश्चित समय सारणी बना ले और यह तय कर ले कि आपको उस समय तक अपने लक्ष्य को पा लेना है।
सबसे जरूरी बात आपने अपने लक्ष्य को पाने के लिए रिस्क ले तो लिया, लेकिन अगर पूरी योजना के साथ मेहनत नहीं की तो सब बेकार है। इसलिए अगर आपका लक्ष्य बड़ा है तो उसे आप कई छोटे- छोटे भागो में बाँट सकते है। आप अपने समय का सदुपयोग करें, उसे बर्बाद न करें। इसके बाद सफलता आपके कदम चूमेगी।
।। बड़े सपने देखें और लक्ष्य बनाये ।।
अगर आप हर काम में सफलता पाना चाहते हैं, तो आपको अपनी आदतों में कुछ बदलाव करने होंगे, जैसे आपको बड़े सपने देखने होंगे। सोते-सोते तो हर कोई सपने देख लेता है, जो लोग दिन में सपने देखते हैं और एक लक्ष्य बनाकर उसके लिए कड़ी मेहनत करते हैं वहीं सफल होते हैं। अब्दुल कलाम जी का कहना था। कि प्रत्येक व्यक्ति को बड़े सपने देखने चाहिए। जो लोग बड़े सपने नहीं देखते, वो बड़े बन भी नहीं सकते। इसलिए बड़े सपने देखो और बड़ा लक्ष्य बनाओ।
।। समय की कीमत समझें ।।
दुनिया में जितने भी सफल इंसान हैं उन सबके पास भी एक दिन में 24 घंटे ही होते हैं। वो इन्हीं 24 घंटों का सही इस्तेमाल करके सफल हुए हैं। दरअसल ये लोग समय की कीमत समझते थे, इन्होंने कभी भी अपने समय को बर्बाद नहीं किया। अगर आपको भी सफल होना है तो फालतू समय न बर्बाद करें। संसार की सबसे मूल्यवान चीज है- "समय" यह किसी के लिए भी नहीं रुकता। जो इस समय का सही उपयोग कर लेता है, वह सफल व्यक्ति है।
।। लक्ष्य नहीं तरीका बदलो।।
कई लोग लक्ष्य बना तो लेते हैं, लेकिन सफलता न मिले पर लक्ष्य को बदल लेते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर आपको सफलता नहीं मिल रही है, तो अपने लक्ष्य को नहीं बल्कि अपने तरीके को बदलें। जी हाँ, यदि कोई कार्य कठिन है और आप उस कार्य को करने में बार-बार असफल हो रहे हैं तो कार्य को मत छोड़िये बल्कि उस कार्य को करने का तरीका बदल लीजिये। आप सफल हो जायेंगे।
।। कठिन कामों को न टालें।।
हर किसी के जीवन में कठिनाइयां आती हैं, लेकिन कुछ लोग इसका डटकर सामना करते हैं और कुछ लोग इसे टाल देते हैं। जिंदगी को आसान बनाने के लिए कठिन कार्यों को टालो मत, बल्कि कठिन कार्यों का जमकर सामना करो और अपनी जीवन को आसान बनालो। क्योकि कार्यों को पूरा करने से जीवन आसान होता है, न कि टालते रहने से। लेकिन व्यक्ति को हार से घबराना नहीं चाहिए क्योंकि, डेल कर्नेगी ने कहा है कि असफलता के बाद ही सफलता मिलती है।
लेखिका- डॉ. सारिका ठाकुर "जागृति"
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