साहित्य चक्र

20 January 2025

कविता- वृन्दावन की भूमि




भगवान कृष्ण की भूमि
ये वृंदावन
बहुत पावन है।

थके हुए मन को
थपकी देती यमुना की लहरें हैं।
और हृदय भर जाता है।
राधे कृष्ण के प्रेम से।

कोटि अपराध हों चाहे
कट जाते हैं
इस भूमि पर
जब नर-नारी पुकारते हैं।
राधा जी का नाम
जिह्वा पर आते ही
कट जाते हैं पाप।

राधा रमण जी, बाँके बिहारी जी, 
राधा वल्लभ जी 
निराले हैं।

अनेक ऋषि मुनियों की
तपोभूमि है यह
जीवन की भक्ति का
मनभावन मंदिर है यह
पवित्र-पावन वृंदावन है यह।


                                    - विकास कुमार शर्मा


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