साहित्य चक्र

20 January 2025

कविता- लेखक




आपकी और मेरी आस्था 
अलग-अलग हो सकती है।

मगर किसी एक की आस्था को 
शून्य बता देना सबसे बड़ी मूर्खता है।

आपके और मेरे विचार 
अलग-अलग हो सकते हैं।

मगर किसी एक के विचार को 
शून्य बता देना अहंकारपूर्ण है।

लेखक की दृष्टि 
निष्पक्षता से भरी,
और कलम की स्याही 
पाठक की होनी चाहिए।


                                                   - दीपक कोहली


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