साहित्य चक्र

01 July 2019

मां की परी बाप का अरमान

मां की परी बाप का अरमान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी

निर्मलता उसके दिल में है गंगा के जैसी
मां बाप के भावना की वो सच्ची हितैषी
जो मिला जितना मिला उसमें ही बसर कर
चाहती मां बाप को वो बेटे से बढ़कर 

छू जाए दिल को जो वो सुरों की तान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
जब कभी पीडा़ कोई मन को सताए
रोए मन ही मन कभी आंसू न दिखाए
मुश्किल मकाम पर भी जीना है सीखा
हालात देख आंसुओं को पीना भी है सीखा

ढ़ल जाए जो हालात में वो ढ़लान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
हालात से उसके कभी मुंह मोड़ना नहीं 
बेटी हो किसी की भी दिल तोड़ना नहीं 
भले न मानना तुम उसकी हरेक ईच्छा 
पर धैर्य के उसके कभी न लेना परीक्षा

मामले में धैर्य के महान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी

                                      <<  विक्रम कुमार >>


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