मां की परी बाप का अरमान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
निर्मलता उसके दिल में है गंगा के जैसी
मां बाप के भावना की वो सच्ची हितैषी
जो मिला जितना मिला उसमें ही बसर कर
चाहती मां बाप को वो बेटे से बढ़कर
छू जाए दिल को जो वो सुरों की तान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
जब कभी पीडा़ कोई मन को सताए
रोए मन ही मन कभी आंसू न दिखाए
मुश्किल मकाम पर भी जीना है सीखा
हालात देख आंसुओं को पीना भी है सीखा
ढ़ल जाए जो हालात में वो ढ़लान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
हालात से उसके कभी मुंह मोड़ना नहीं
बेटी हो किसी की भी दिल तोड़ना नहीं
भले न मानना तुम उसकी हरेक ईच्छा
पर धैर्य के उसके कभी न लेना परीक्षा
मामले में धैर्य के महान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
संसार में भगवान का वरदान है बेटी
<< विक्रम कुमार >>
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