हुए क़त्ल हम बीच चौराहे पर
जान गई इसका कोई गम नहीं
पर दुखी हूं यह जानकर
वो लोग खुद तो धर्मी नहीं थे
जो चीख़ चीख़ कर कह रहे थे
कि मैनें उनके धर्म को ठेस पहुंचाई है
जबकि मैंने तो लिखा था कि
धर्म के नाम पर बलि देना गलत है
चाहे वो मनुष्य की हो या जानवर की
धर्म के नाम पर हिंसा करना गलत है
चाहे वो बचने के लिए हो या मारने के लिए
धर्म के नाम पर ग़रीब से पैसे ऐंठना गलत है
हमेशा दान लेना ही नहीं, दान देना भी चाहिए।
धर्म के नाम पर लड़कियों का शोषण गलत है
चाहे लड़कियां अपने धर्म की हों, या फिर पराए।
धर्म के नाम पर मानसिक शोषण भी गलत है
चाहे तकदीर के नाम पर हो या लकीरों के नाम पर
मैं जानता हूं वहां पर; कुछ तमाशबीन भी खड़े थे
जिनमें कुछ धर्मी थे और कुछ अधर्मी भी थे
धर्मी चुपचाप खड़े अपना धर्म निभा रहे थे
क्योंकि वह जानतें कि गलत हो रहा है
पर अधर्मीयों की तो सुनता ही कैन है
साहब; मैं आप के बारे में नहीं कह रहा
पर क्या आप भी वहीं पर थे
अमनदीप सिंह रखड़ा
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