साहित्य चक्र

04 September 2021

नंद घर आनंद भयो




आज रात्रि १२ बजे सम्पूर्ण भारत वर्ष के मंदिरों में श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जायेगा।श्री कृष्ण नगरी द्वारिका में ५२४८ वां कृष्ण जन्मोत्सव परंपरागत रीति से मनाया जायेगा। करोना के विघ्न में ही ये दूसरा जन्मोत्सव हैं,अपने आराध्य श्री कृष्ण को मनाने लोग द्वारिका जा रहे हैं प्रशाशनीय छूट की वजह से।पूरी द्वारिका नगरी को सजाया गया हैं। रोशनी से पूरी द्वारका नगरी चमक उठी हैं।अदभुत दर्शनीय हैं द्वारिका पूरी इस वक्त।जन्म पर्व से पहले ही २०००० लोगों का आगमन हो चुका हैं।


सुबह ६ बजे मंगला आरती हो चुकी हैं, आज सारा दिन पूजन अर्चन होगा।गोमती के घाट पर पवित्र स्नान कर भक्त प्रभु  दर्शन का लाभ लेंगे। कृष्ण जन्म महोत्सव भाव विभोर करने वाला आध्यात्मिक त्यौहार हैं।कृष्ण ने जगत को  जीवन जीने के मंत्र दिए उन्हे याद करने का दिन हैं। प्रभु की लीलाएं याद करने का दिन हैं।


उनका गौ धन से प्यार, गोकुलवास दरम्यान की हुई लीलाएं, गोपियों की कान्हा संग प्रीत, राधा के साथ उनका असीम अनुराग  अप्रतिम हैं, उन दृष्टांत को सदियों से भक्त जन कथाओं और कीर्तन द्वारा व्यक्त करते हैं।किशन जो श्याम होते हुए भी इतने मनोहारी लगाते हैं की उनकी छवि नजरों से हटती नहीं। अष्टमी का के दिन जो गोकुल में हर्षोल्लास था वह हम अभी भी जन्मोत्सव में महसूस कर सकते हैं। हृदय से बोला – नंद घर आनंद भयो जय कनैया लाल की  सुन भक्ति के मन बाल कृष्ण के प्रति भावनाओं से भर जाते हैं।


 कृष्ण जन्म के दूसरे दिन पालना जुलाने का भी उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता हैं,बाल कृष्ण को अलंकृत पालने में जुलाने का अवसर भक्त अपने हाथ से जाने नहीं देते। पंजीरी का प्रसाद ले सब भक्त गण खुशी खुशी अपनी कृष्ण भक्ति को प्रणाम कर, पालना महोत्सव के बाद विदा ले अगले साल आनेवाले महोत्सव की प्रतिक्षा करते हैं।



                                                        जयश्री बिर्मि



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