धरती के कण-कण से
तू अपनी किस्मत लिखना
मेहनत की डगर पर
यू ही.. तू बढ़ता जाना
हवा का रूख बदलने की
तू कोशिश मत करना
भाग्य का भरोसा मत करना
आज जो साँसे हैं...
उन साँसों का भी
भरोसा मत करना
यू तो जिंदगी कट जाऐगी...
कटने से पहले !
धरती के कण - कण से
तू अपनी किस्मत लिखना
मणिकान्त
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