साहित्य चक्र

12 September 2021

एक कविताः हिन्दी



हिन्दी है इक प्यारी भाषा ,
मेरे हिंदुस्तान की ।
बड़ी सरल है मेरे बच्चों,
भारत देश महान की ।।

नजमा बोले ,राखी बोले ,
और बोलते सुखविंदर ।
जॉन ,पॉल,और मोहन बोले,
भाषा बहुत है सुंदर ।।

इतनी प्यारी हिन्दी भाषा,
जन जन इसको बोले,
मातृ भाषा भी है अपनी ,
झूम झूम कर डोलें ।।

सब जन मिलकर हिन्दी का ही
हम परचम लहराएं ।
हिन्दी है समृद्ध हमारी ,
हिन्दी को अपनाएं ।।

हिन्दी का वैशिष्ट्य अनूठा
बात समझ जब आएगी।
पूर्ण विश्व मे उच्च पताका ,
हिन्दी की लहराएगी ।।


                                          डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव




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