अभिलाषाओ का त्याग करों
कर्म योग का अभ्यास करों
जीवन तों चलता रहता हैं
नित नये प्रयास करों ।
हर दिन कुछ नया करों
बीज अच्छा बोयगो तो फल
भी नेक मिलेगा।ना सोचो कल
की आज कुछ नया करों ।
शोक से हाथ हटाते हो ना
हर्ष से भी पश्चात्ताप करों
वियोग में बैठे आँसू बहते
संयोग में भी विलाप करों ।
बिन इंन्द्री के क्या होना है
सत्य पथ को प्राप्त करों
जग जीवन में निस्वार्थ रहकर
संग आत्मा के परमात्मा को प्राप्त करों ।
- निर्मला सिन्हा
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