साहित्य चक्र

10 September 2021

कविताः हिंदी मेरी भाषा





प्यारी - प्यारी  सबसे न्यारी मेरी भाषा ।
हिंदी पर बिन्दी हिंदी प्यारी मेरी भाषा ।।

देश - विदेशों  मे  है  जिसका गुणगान  ।
सब से अच्छी  सबसे प्यारी मेरी भाषा ।।

ज्ञान - विज्ञान का अखूट भण्डार है  ये  ।
इसलिए सब जन-जन पढते मेरी भाषा ।।

हिंदी पढेगा गर भारत का बच्चा - बच्चा।
सम्प्रेषण में भी उपयोगी होगी मेरी भाषा ।।

खेल - सिनेमा जगत ने जिसको अपनाया ।
एकता का पाठ हमें पढ़ाने वाली मेरी भाषा ।।

सब  भाषाओं  के संग  जिसने मेल बिठाया ।
भाषायी-ज्ञान जन - जन तक लाई मेरी भाषा ।।

राष्ट्र - भाषा का मान-सम्मान  जिसको मिला ।
देव नागरी लिपि जिसकी वो वैज्ञानिक भाषा ।।

सूफ़ी-संत - साहित्यकारों ने जिससे यश पाया ।
जाति,धर्म-पंथ सब के मुख शोभित मेरी भाषा ।।

सविंधान ने जिस भाषा  को गौरवान्वित  किया ।
हिंदी दिवस के रुप में  जिसे मनाते वो मेरी भाषा ।।

अटल जी ने यू एन ओ में  जिसका मान  बढाया  ।
हिंदी  हैं  हम  वतन , हिंदी  है  प्यारी  मेरी  भाषा ।।


                                      मईनुदीन कोहरी "नाचीज बीकानेरी"


No comments:

Post a Comment