साहित्य चक्र

10 September 2021

कविताः फिर से



तुमको जीवन की
मर्यादा के लिए
उठना होगा।
तुमको मानवता की
उदारता के लिए
फिर से
उस ईश्वर के आगे
झुकना होगा।
तुम्हें असत्य को
हराने के लिए
फिर से
सत्य से जुड़ना होगा।
तुमको मानवता की
रक्षा के लिए
फिर से
हार कर भी जीतना होगा।

                                      राजीव डोगरा


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