साहित्य चक्र

27 April 2019

पाँच बरस में फेर आयो...

फेर आयो चुनाव

पाँच बरस में फेर आयो ,लोकसभा चुनाव।
घर घर चर्चा चाल री, आयो फेर ,चुनाव।।

भांत भांत का सगळा नेता, वोट माँगबा चाल्या।
कुर्सी की खींचातानी में आव देखे न ताव।।

अरे भाया फेर आयो चुनाव.........
,दोन्यूं हाथ जोड़ लयाँ जाणे, वोटर दिखे भगवान।
झूँठा वादा कर जनता सूं, देखो बढ़ रयाँ भाव।।

अरे भाया फेर आयो चुनाव....
कोई रोड शो में टाटा कर रया, कोई करया बाय बाय।
चुनावी मौसम में नेता लेरया कतनो चाव।।

अरे भाया फेर आयो चुनाव...
लू लपट में चैन कोनी, मेहनत करे दिन रात।
लोकसभा में जीत कर खेवे मन का घाव।।

अरे भाया फेर आयो चुनाव........
उनतीस तारीख के दिन भाया,आयो लोकतन्त्र त्योहार।
एक मत एक मत से जीतेगो केंडिडेट चुनाव।।

अरे भाया फेर आयो चुनाव....

                                                कवि राजेश पुरोहित



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