नए भारत का नया सवेरा ,
नई कहानी लिखेगा |
लोकतंत्र का महापर्व ये,
अपनी जुबानी लिखेगा ||
चहुँ ओर जब शोर मचेगा,
होगा खूब मतदान |
देश की जनता फिर पाएगी,
अपना खोया सम्मान ||
कोई वंचित ना रहना भाई,
अपने मताधिकार से |
नई सरकार बनाना मिल-जुल ,
लोकतांत्रिक किरदार से ||
अपनी आवाज़ उठाने का,
अवसर यही एक मिलता है |
वरना इन नेताओं का कहाँ ,
आसानी से चेहरा खिलता है ||
नोट के बदले वोट का पाठ,
कहाँ पढ़ाया जाता है |
हिंसा खुद फैलाते हैं,
और जनता को लडा़या जाता है ||
"शेलु" तो इसे माने केवल,
राजनीति का चूर्ण |
किंतु ये धर्म हमारा है,
करो मतदान महत्वपूर्ण ||
लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें-
सुनील पोरवाल "शेलु"
No comments:
Post a Comment