साहित्य चक्र

03 November 2025

महिलाओं के लिए स्वर्णिम युग है 'लोकतंत्र'



इतिहास के पन्ने पलटने से पता चलता है कि लोकतंत्र आने से पहले लगभग हर देश में महिलाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक और गंभीर रही है। यही स्थिति भारतीय समाज में भी रही है। भले ही हम महिलाओं को देवी कहते हैं,‌ मगर आज भी हमारे समाज में महिलाओं के साथ शोषण, अत्याचार और घरेलू हिंसा ये देखने को मिलती है।





भारतीय समाज में तो आजादी से पहले महिलाओं के पास ना शिक्षा के अधिकार थे, ना अपने पसंद की शादी करने का अधिकार था और ना ही अपने अनुसार जीवन जीने का अधिकार था। हमारे समाज में महिला को पति की दासी, पतिव्रता, घर की लक्ष्मी आदि नाम से गुलामी की बेड़िया पहनाई जाती है। और आज भी गांवों में कम उम्र की लड़कियों का अपने से दुगुने उम्र के मर्द के साथ विवाह कर दिया जाता है।

इतना ही नहीं बल्कि पढ़-लिखकर नौकरी करने के बाद भी शादी के लिए लड़की के पिता को दहेज देना पड़ता है। और तो और दहेज और घरेलू हिंसा के कारण कई लड़कियों को आत्महत्या तक करने के लिए मजबूर कर दिया जाता है। समाज की इस सच्चाई को लोग अपने बुरे कर्मों की तरह चुपके से छुपा लेते हैं।





बीती रात यानी 2 नवंबर 2025 को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने महिला वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप- 2025 का खिताब जीता है। हमारी इन बेटियों ने बता दिया है कि मौका मिलने पर वो सब कुछ कर सकती है, जो मर्द समाज कर सकता है। सोचिए! अगर हमारे देश में लोकतंत्र नहीं होता तो क्या हमारी लड़कियां क्रिकेट खेल पाती ? मेरा मानना है- बिल्कुल भी नहीं। लोकतंत्र महिलाओं के लिए स्वर्णिम युग है।

कोई माने या ना माने इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मगर यह सत्य है कि लोकतंत्र ने महिलाओं, गरीबों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को बराबरी के अधिकार दिए हैं। भले ही हम भारतीय अपनी संस्कृति, सभ्यता और परंपरा को कितना ही महान क्यों ना बताएं, मगर हमारे समाज में समानता और बराबरी की कमी सदियों से रही है और आज भी दिखाई देती है।





हमारी लड़कियों का क्रिकेट में विश्व कप जीतना उन सभी सामंतवादियों और पितृसत्तात्मक विचारधाराओं से ग्रस्त लोगों के मुंह पर कढ़ा तमाचा है। समाज के जो लोग हमेशा यह कहते फिरते हैं कि लड़कियां यह नहीं कर सकती, लड़कियों को ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए और लड़कियों को नौकरी नहीं करनी चाहिए उन सभी मूर्ख लोगों को हमारी बेटियों द्वारा जीते इस क्रिकेट विश्व कप की वीडियो देखनी चाहिए।

हमारी बेटियों द्वारा जीते गए इस क्रिकेट विश्व कप ने हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए उम्मीदों और सपनों का सागर खोल दिया है। अगर आप एक सच्चे स्वतंत्र भारतीय हैं तो आपको अवश्य ही आज लोकतंत्र के प्रति संवेदना‌ और शुक्राना अदा करना चाहिए।


- दीपक कोहली


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