साहित्य चक्र

24 March 2019

वीर सपूतों की कुर्बानी

देश पर हमला करने वाले कभी खुश नही रह पायेंगे।
आतंकियों पे पलटवार कर उन्हें नानी याद दिलाएंगे।


वीर सपूतों की कुर्बानी पर आँखें हुई है सबकी नम,
आक्रोश फैला हुआ जहाँ में उन गीदड़ों का रक्त बहाएंगे।

चालीस वीर सपूतों का बलिदान व्यर्थ नही जाने देंगे,
पाकिस्तानी आतंकवादी अपने किये पे बहुत पछताएंगे।


बहुत हो गया बेरहमीपन, बहुत हो गया कायरपन,
अब न रहम करेंगे तुमपर तुम्हें जरूर सबक सिखाएंगे।

उठो भारतीय आँसू पोछो अपना रौद्र रूप दिखाना है,
खून ख़ौल रहा अब सबका आतंकियों को मार गिराएंगे।


चुन-चुन कर बदला लेना है पाकिस्तानी नरपिशाचों से,
धर चंडी-काली का रूप भारत का रौद्र रूप दिखाएंगे।

फिर से जन्म लेगी दुर्गे माँ उन दुष्टों का संहार करने को,
उन राक्षसों का संहार कर देश के शहीदों का कर्ज चुकाएंगे।


                          सुमन अग्रवाल "सागरिका"


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