साहित्य चक्र

24 March 2019

भारत कैसे होगा भ्रष्टाचार सेेे मुक्त

भारत कैसे हो भ्रष्टाचार से मुक्त...?

दोस्तों हम और आप सभी ने भ्रष्टाचार के बारे में पढ़ा और सुना है।सभी जानते हैं कि भ्रष्टाचार नाम की बीमारी से हमारा देश बुरी तरह से ग्रसित हो चुका है।
यूँ तो भारत एक मात्र देश नही जहाँ भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है।
पर दुःख इस बात का है कि कभी सच्चाई और ईमानदारी के लिए जाना जाने वाला मुल्क आज पूर्णतः भ्रष्ट हो चुका है।ऐसा हम कह सकते हैं।अगर आप को किसी भी सरकारी विभाग में कोई छोटा या बड़ा कैसा भी काम करवाना है तो या तो किसी की जान-पहचान जरूरी है, या फिर आप को रिश्वत देनी होगी और अगर आप इन दोनों में से कोई भी विकल्प नही चुनना चाहते तो आप को लम्बा इंतजार करना होगा।फिर भी काम हो जाएगा या नही इस बात की कोई गारण्टी नही है।
आज भाग दौड़ का युग हैं, इतना समय किसी के पास नही की इतना सिरदर्द कोई ले।तो अभी सोचते हैं कि कोई शार्टकट मिल जाए और ये शार्टकट की तलाश ही जन्म देती है भ्रष्टाचार को तो सिर्फ नेताओं को कोस कर हाथ झाड़ देने मात्र से काम नही चलेगा। आज भ्रष्टाचार देश मे कैंसर की भांति जड़ रूप में फैल चुका है।जिसके ईलाज के लिए हमें सर्वप्रथम खुद को मजबूत करना होगा। हम सब को अपने आप से करना होगा एक वादा कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं शार्टकट नही अपनाऊंगा ।चाहे काम देर से हो पर करवाना व्यवस्थित तरीके से ही है।
अगर हम और आप मे से कोई भी रिश्वत देने को तैयार ही नही होंगे ,तो अपने आप ही भ्रष्टाचार के पैर कमजोर पड़ जाऐंगे। हमें प्रशासन पर करना होगा भरोसा कि अभी भी कार्य प्रणाली से ही काम करवाया जाए तो होगा पूरा । कागजी कार्रवाई पुरी और व्यवस्थित हो इसकी  कर लें पुष्टि।
चलानी होगी मुहिम भ्रष्टाचार के विरुद्ध और युवा पीढ़ी को करना होगा सजग इस मुहिम में सहयोग के लिए ज्यादा से ज्यादा हो सभी कार्यों  को करने में ले, इंटरनेट की मदद और कागजी कार्य ऑनलाइन ही भरे,जिससे सबूत भी रहेगा और शार्टकट से भी बचेंगे। काम ना होने की दशा में शिकायत की करनी होगी पहल। अगर हम और आप सभी मिलकर ये छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हैं तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार में आएगी कमी और कोई भी नेता,सरकारी अफसर या मंत्री रिश्वत लेने के नाम से डरेगा,कि कहीं बात निकल गयी तो जेल की हवा खानी होगी, तो भ्रष्टाचार में सहयोग ना करें, देश को बनाये भ्रष्टाचार से मुक्त।

                                                         संध्या चतुर्वेदी


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