साहित्य चक्र

23 March 2019

होली का त्यौहार



गुलाल की बौछार 
पिचकारी की धार ।
गुझिया की मिठास
रिश्तों में भरे  प्यार ।।

होलिका  का  संहार
जीते प्रहलाद कुमार ।
बुराई का होता अंत
कहें होली का त्यौहार ।।

छाया रंगों का शुमार
लाया प्रेम की फुहार ।
बसंती टेशू - पलाश 
रंग का  चढा खुमार ।।

ढोल-मांदल बजे द्वार
देने  खुशियां   अपार ।
सदा  मुस्करातें   रहों
कहें होली का त्यौहार ।।

बहें भाईचारे की बयार
मिसाल दे सारा संसार ।
बस यहीं शुभकामनाएं
गोपाल की करों स्वीकार ।।

                                            ✍गोपाल कौशल


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