साहित्य चक्र

24 March 2019

।।आह्वान।।





आह्वान है यह हमारा
सभी धर्मों के अनुयायियों से
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
बौद्ध जैन सभी भाईयों से
कि सब मिलकर एकता से
अनोखी सी एक रीत चला दो
बलात्कार के आरोपी को
चौराहे पर जिंदा जला दो
यह नारी के जज्बातों को
खंडित करती तलवार है
यह नारी के तन-मन पर
एक घिनौना अत्याचार है
इस अनोखे रीत को जब 
अपनाएगा पूरा देश
तब बलात्कारियों के तबके में
जाएगा एक उचित संदेश
कि नारी कोई खिलौना नहीं
वह बहन बेटी और माता है
नारी अब अबला नहीं
पुरूषों की भाग्यविधाता है
अब जाति धर्म के नाम पर
समाज को नहीं बांटना है
बस नारी पर जो हाथ उठे
उस हाथ को काटना है
क्योंकि हम यह जान चुके  हैं 
उनके कुकर्म देखकर
कि वो  इज्जतें नहीं लूटते
जाति धर्म देखकर
आओ मिलकर कसम यह खाएं
इस बात पर हम ध्यान देंगे
नारी से प्रेम करें न करें 
पर उनको सम्मान देंगे
इस संवेदनशील मुद्दे पर
कोई अपना कोई गैर नहीं
नारी का जबरन शील भंग
करने वालों की खैर नहीं

                                       ।। विक्रम कुमार ।।

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