मातृभाषा संवर्धन पर छंद
हिंदी मात्र भाषा नहीं, हिंदी मातृभाषा बने,
हिंदी की अलख, सारे हिंद में जगाना है,
हिंदी लिखें लेखपाल, हिंदी में हो बोलचाल,
अन्य भाषा बाद, पहले हिंदी अपनाना है,
हिंदी के लिये लड़ेंगे ,हिंदी के लिये अड़ेंगे,
हरहाल हिंदी का ,उत्थान करवाना है,
मान जाये सरकार , करें कुछ ऐसा कार्य,
मातृभाषा को, सम्मान दिलवाना है।
- राणा भूपेंद्र सिंह
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हिंदी का गुणगान करो
भारत की भाषा हिंदी है
हिंदी का तुम मान करो
क्यों पड़े हो अंग्रेज़ी के पीछे
तुम हिंदी का गुणगान करो
जिस देश का नाम ही हिंदी हो
जिसके माथे की बिंदी हो
उस देश में हिंदी क्यों पीछे
ज़रा इसका भी तुम ध्यान करो
तुम हिंदी का गुणगान करो
जब बाहर कभी हम जाते है
अपने को भारतीय बताते हैं
वह अपनी मातृ भाषा बोलते हैं
हम अंग्रेज़ी में बतियाते हैं
पैदा हम हिंदी में हुए
हिंदी में ही मर जायेंगे
हिंदी तो माता है अपनी
कैसे इसको भूल पाएंगे
क्यों विमुख हो रहे हिंदी से
हिंदी भाषा तुम अपनाओ
मां है हिंदी जान है हिंदी
बोलते इसको मत शरमाओ
जितना मर्जी कोई ज़ोर लगा ले
नहीं होगा इसका रुतबा कम
हिंदी का रास्ता जो रोक सके
नहीं किसी में इतना दम
हिंदी हिन्द की पहचान है
कौन आज इससे अनजान है
हिन्द की रग रग में बसी है हिंदी
हिंदी उगते सूरज के समान है
जब कोरोना सब पर भारी था
तब दूरी सब अपनाते थे
पास आने से डरते थे
नमस्ते से काम चलाते थे
नमस्ते ने ही पूरे विश्व को
एक नया संदेश दिया
भारतबासी हैं सबसे आगे
दुनियां को यह बता दिया
- रवींद्र कुमार शर्मा
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हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी
चाहे हों हम हिंदू मुस्लिम सिख या ईसाई,
भारत माता की संतानें हम सब हैं भाई भाई।
एक हमारी रगों में बहता खून और एक हैं हमारे रंग रूप,
चांद देता बराबर चांदनी सूरज भी देता सबको समान धूप।
सब कुछ देने वाले ईश्वर जब वो हममें अंतर नहीं करते हैं,
जाति-धर्म भाषा-बोली के भेदभाव रख फिर हम क्यों जलते हैं।
अलगाववादी सोचों को त्यागकर एकता की मिसाल धरो,
भारत के विकास के लिए तुम मिल जुलकर निरंतर प्रयास करो।
होंगे भले हम कहीं के भी वासी सबसे पहले हैं भारत वासी,
इसलिए हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और हम सब हैं हिन्दी भाषी।
सीखो सीखने को सारी भाषाएं पर राष्ट्रभाषा का सम्मान करो,
घर में बोलो अपनी भाषा पर समूहों में हिन्दी वार्तालाप करो।
जाति धर्म और समुदायों की सांप्रदायिक सोच को भुला दो,
देश के नागरिक ही नहीं पूरी दुनिया को हिन्दी में बुलवा दो।।
- मुकेश कुमार सोनकर
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हिंदी मेरा अभिमान
हम सब भारतवासी हैं,
करते हैं अपनी मातृभाषा से प्यार,
उत्तर हो या हो दक्षिण चाहे हो फिर पूर्व पश्चिम,
सारे लोग हो जाओ तैयार।
पूर्ण रूप से अपनाएं हिंदी को,
आओ हिंदी से करें हम प्यार।
बनाए हिंदी को आमजन की भाषा,
पढ़ाएं हिंदी लिखाएं हिंदी,
हर कार्यालय में बनाएं अनिवार्य हिंदी,
बने विश्व विधाता फिर अपनी प्यारी हिंदी।
आओ खुले मंच से करें अब ये ऐलान,
हिंदी का प्रयोग हो सभी जगह अनिवार्य,
हिंदी को पूर्ण रूप से मिले ये राष्ट्र सम्मान,
हिंदी मेरी जान है ,पहचान है, है मेरा अभिमान।
प्रारंभिक स्तर से करो मिश्रण,
निज भाषा में हिंदी के शब्दों का,
फिर देखो कमल हिंदी राष्ट्रभाषा का,
कैसे एकता बनी रहेगी अपने वतन में,
ना होगी किसी को कोई समस्या,
किसी की बात समझने में।
है हिंदी मेरा अभिमान,
है इससे मेरा मान सम्मान, आओ करें और अधिक प्रयास ,
करें हिंदी का प्रचार प्रसार और गुणगान,
है हिंदी मेरा अभिमान,
इसी से है हम सब का मान सम्मान।
- लेफ्टिनेंट डॉ. जय महलवाल
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हाँ मैं हिंदी हूँ,
मुझे अंग्रेज़ी की तरह झूठा
मखौटा लगाना ना आया,
वज़ूद तो सबसे पुराना है मेरा,
लेकिन मुझे दूसरों के आगे इतराना ना आया,
मेरा अस्तित्व बहुत गहरा है,
और मुझे हमेशा सम्मान से ही देखा जायेगा,
हाँ, वह दिन दूर नहीं जब हिंदी का परचम
पूरे विश्व में लहराया जायेगा।
- रचना चंदेल 'माही'
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'हिन्दी सबसे प्यारी बोली
हिन्दी सबसे प्यारी बोली,
जिसने भी बोली संग उसके होली।।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई,
जब-जब बोली बनी उनकी टोली।।
सात सुर की लय जब सजी हिंदी,
गायन वादन संग बजती ढ़ोलकी ।।
दोहा सोरठा छंद मुहावरा,
हिंदी ने मिश्रि जैसे रस है घोली ।।
संस्कृत की प्रतिबिंब है हिंदी,
लगती जैसे बहन है छोटी ।।
प्यार दुलार सम्मान बढ़ाती,
जब-जब बिखेरती शब्दों के मोती ।।
- रिंकी सिंह
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मेरी प्यारी भाषा हिन्दी
सबसे प्यारी, सबसे न्यारी मेरी भाषा,
पढ़ने में सुंदर, लिखने में भी सुंदर,
कहते हैं जिसको 'राष्टृभाषा'।
हिंदुस्तान की शान, देती सबको ज्ञान,
जिसके गले में मोती और हीरे की माला,
मोती यानि स्वर, हीरे यानि मात्राएं जड़ित।
इसमें व्यंजन के सुंदर मनके पिरो,
माला को बनाया ज्ञान का भंडार,
सुसंगठित शब्दों से बना वाक्य सुंदर।
पढ़कर इसको बने कई विद्वान पंडित,
महाभारत और रामायण ने रचा इतिहास,
जो आज़ भी है मेरे प्यारे भारत की शान।
ऐसी शान-मान कहीं और देखी आपने,
मोती, हीरे, मनके से जड़ित हार पहन,
मैं हिंदी बन गई सशक्त नारी हिंदुस्तान की।
सबसे प्यारी, सबसे न्यारी मेरी भाषा..
- नूतन गर्ग
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हिंदी है आन हमारी हिंदी है
शान हिंदी से ही है
हम सब की पहचान हिंदी ही है
जो सब को एकता के सूत्र में पिरोती
हिंदी से ही है मेरा देश महान।
हिंदी है आन हमारी हिंदी है शान।
हिंदी न होती तो न होता मेरा प्यारा हिंदुस्तान।
हिंदी है आन हमारी हिंदी है शान।
हिन्दी ही है जो सबके दिलों के भेद मिटाती ,
सब के दिलों में सुधा रस बरसाती।
रचती एक न्यारा जहान।
हिंदी है आन हमारी हिंदी है
शान सरकारी कामकाज व
बोलचाल में हिंदी को अपनाकर हम
बढ़ाएंगे हिंदी का मान।
हिंदी है आन हमारी हिंदी है शान
हिंदी दिवस के अवसर पर प्रण ले सभी।
अपनी भाषा को दूसरी भाषाओं से हीन न समझेंगे कभी।
हिंदी से ही है हमारे संस्कारों और संस्कृति की पहचान ।
हिंदी है आन हमारी हिंदी है शान।
हिंदी से ही है हम सबकी पहचान।
गर्व करके हिंदी व हिंदुस्तान पर बढ़ाएंगे देश का मान।
हिंदी है आन हमारी हिन्दी है शान
हिन्दी से ही है हम सबकी पहचान।
- विजय कुमारी सहगल
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हिंदी है हमारी आन बान और शान
हम है हिंदुस्तानी तो हर दम बोलो हिंदी
क्यों है झिझक क्यों है शर्म हमें तो गर्व है
कि हम है हिंदी हम है हिंदू आज है विश्व
हिंदी दिवस क्यों न हम अपनी पहचान बनाएं
हिंदी लिखें हिंदी बोले और सबको सिखलाएं
यूं ही नहीं है हमारी हिंदी सभी भाषाओं की मां
क्योंकि प्यारी हिंदी हमारी भाषा ही नहीं
हमारी पहचान है और हिंदी शब्द में प्यारी सी बिंदी है
माथे पे शोभायमान।
- सुमन डोभाल काला
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