साहित्य चक्र

02 January 2024

नूतन वर्ष का अभिनंदन






चांदनी मुस्कराई तुम्हारे लिए,
वर्णमाला गुनगुनाई तुम्हारे लिए,
तुम्हारे आगमन पर सखें,
मेरे हृदय की बधाई तुम्हारे लिए।

चांद बन तुम जियो,
नेह की नूतन छुवन बन जियो,
भावना से भरे इस हृदय में,
तुम हमारे नयन में सुमन बन जियो।

मेरे परिचय बन तुम जियो,
मेरा मुकाम बन तुम जियो,
जिंदगी अपनी पूरी सफल बन जियो,
नूतन वर्ष का अभिनंदन कर,
अपने कर्मों से अभिमान बन जियो।

गीत बन तुम जियो,
गजल बन तुम जियो,
अनुपम सृजन का भाव बन जियो,
प्यार की राशि मन में समेटे हुए,
तुम हमारे लिए राशिफल बन जियो।


                                                - अंशिता दुबे त्रिपाठी


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