साहित्य चक्र

28 January 2024

गणतंत्र दिवस- 2024

।। गणतंत्र दिवस की बेला आई ।।



26 जनवरी को अद्भुत संविधान का निर्माण हुआ है।
भूमध्य भाग पर सूरज तपकर जिस की शान दिखाता है।

भारत देश का सर हमेशा ऊंचा रहेगा।
वंदे मातरम् जय जय का नारा सब जगह गूंजता रहेगा।

भारत की अनोखी आन, बान, शान ।
बढ़ते जा रही है इनकी उन्नति और मान।

तीनों तिरंगा रंग कुछ कहता रहा है।
केसरिया उमंग हर्ष उल्लास, सफेद शांति,
हरा भरा हमारा देश रहे बताता रहा हैं।

खुदीराम मंगल पांडे, भगत यहीं आजाद हुए।
निज कुर्बानी करके सबके, दिल में बस आबाद हुए।

भारत माता के लिए दी थी कुर्बानी।
शहीद वीर जवान वीर योद्धा है उनकी निशानी।

हमेशा ठानी संकल्प लिया, दुश्मन को दूर भगाना है।
भारत माता की जान बचाया, मिट्टी का कर्ज़ चुकाना है।

लड़ाई कर धूल चटाई,एक एक कर दुश्मनो के छक्के छुड़ाए हैं।
आज हम चैन की निंद सोते,और शरहद पर वीर जवान जग रहे होते हैं।

हमारी रक्षा के लिए,कई योद्धा ने प्राणों की आहुति दी,
खुदीराम अस मंगल पांडे, भगत यहीं आजाद हुए।
निज कुर्बानी करके सबके, दिल में बस आबाद हुए।

जन-गण-मन वन्देमातरम,हर घर का गीत हो।
विश्वगुरु का सपना पूरा, हर दिल में हमारी जीत हो।

हमारे गणतंत्र दिवस की बेला पर कर्तव्यों को भी याद करें,
इन्होंने दिन रात एक किए थे।
मार कर मरना बहुत सितम उठाए थे।

भारत माता की शान है वीर जवान हैं।
वो बेटे जो शहीद हो गए उनको नमन हैं ।


- सुजाता चौधरी


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गणतंत्र दिवस

चलो खोज निकालें आज़ गणतंत्र की परिभाषा,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश के गण से तंत्र की आशा,
चाहे आज़ देनी हो हमें 'स्व' की आहुति,
चलो जलायें एक ज्योति समग्र हेतु,
सबका हाथ थाम बढ़ाएं एक कदम आगे,
सबको साथ ले मिलजुलकर करें,
एक नए राष्ट्र का निर्माण,
बड़े-बड़े स्वप्नों को दें आकार नया,
बनाकर उन्हें साकार करें अभिष्ट,
लक्ष्य एक बनाकर अंजाम दें महालक्ष्य को,
आहृवान कर सबका,
जगाएं स्फूर्ति सबके मन में,
निर्भीक, निष्पक्ष और स्वतंत्र होकर,
अभिव्यक्ति दें सबको समान,
तभी होगा सार्थक यह गणतंत्र भारत,
आओ लिखें राष्ट्रनिर्माण की परिभाषा,
पूर्ण स्वतंत्र चिर स्थाई गणतंत्र की परिभाषा।
जय हिन्द जय भारत
- नूतन गर्ग (दिल्ली)


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फैले जहां सर्वप्रथम उजाला
जहां का प्रहरी है हिमाला
गंगा जिसके पांव पखारे
हर जन यहां है रखवाला

सब करते हैं जिस पर नाज
सारे विश्व की है वह ताज
वारी जाऊं क्यों ना मैं तुझ पर
75 वां गणतंत्र मनाती आज

देश को कहते हैं हम माता
उसके आगे हर शीश नवाता
आँच ना आए मां भारती पर
ऐसा है हम सबका नाता
है प्यारा ये मेरा हिंदुस्तान
हमको है इस पर अभिमान
कोटि-कोटि तुम्हें प्रणाम
प्रसिद्ध यहां की रामायण गीता
इसके लिए दे सकते जान
है ये मेरा हिंदुस्तान

- सविता सिंह मीरा


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।। गणतंत्र दिवस ।।

भारत के वीरों का किस्सा
मुझसे बयान नहीं होता,
ऐसे वीर जो है देश में दुश्मन का
नाम और निशान ना होता,
जिन वीरों की लाशों पर
आजादी चलकर आई ,
आज हमने उनकी याद में
सबकी आंखें नम पाई,
भारत के वीरों तुम्हें नमन
शहीदो तुम्हें नमन
ऐसे वीर ना होते इस देश में,
तो आज अपना यह प्यारा- प्यारा
हिंदुस्तान ना होता।

- रचना चंदेल 'माही'


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हम तिरंगे पर अभिमान कर लें....

चलो फिर से वह बीता अविस्मरणीय नज़ारा याद कर लें।
शहीदों के दिल में जली आज़ादी की ज्वाला याद कर लें।
क़ुर्बानी वतन परस्ती के लिए उस जज़्बे को श्रद्धा नमन,
परचम लहराया स्वतंत्रता का उस साहस की बात कर लें॥

फिर हौंसला रगों में अपने वतन के लिए आबाद कर लें।
भेद-भाव सब मिटा, एकता को हम अपनी पहचान कर लें।
हम विश्व मंच पर भारत का नाम बुलंद कर शान बढ़ाये,
आओ तिरंगा फहराकर नव हौसलों का आग़ाज़ कर लें॥

जो संविधान बना गणतंत्र देश का उसका मान कर लें।
अपने देश की उपलब्धियों पर फिर से गुमान कर लें।
ऐतिहासिक दिन है निष्ठा कर्तव्य निर्वाह का वादा लिए,
अपने वतन पर गौरान्वित हम तिरंगे पर अभिमान कर लें॥
- डॉ प्रतिभा गर्ग



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हमारा भारत देश महान

नवल प्रान्त है, नवल वेश है ,
अरूणिम है मुस्कान।
एक राष्ट्र अनेक भाषाएं,
सप्त सुर इक तान,
हमारा भारत देश महान।।

नवल नवल सड़के है पसरी
नवल नवल उद्यान,
नित नूतन परियोजना करती
लोगों का उत्थान,
हमारा भारत देश महान।।

मोर पपीहे कोयल बुलबुल
गाते जिसकी शान,
भिन्न प्रान्त है भिन्न है बोली
फिर भी दिल इक जान,
हमारा भारत देश महान।

नवल बीज है नवल कल्पना
नवल नवल विज्ञान
नित नूतन परिधान पहन कर
धरती करे विहान
हमारा भारत देश महान।

आँधी लू हो या चोटी पर
माइनस में तापमान
लिए तिरगाँ सीमा पर
प्रहरी हैं जिसके जवान
हमारा भारत देश महान।।

- डाॅ. किरण मिश्रा "स्वयंसिद्धा"


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।। वतन ।।

मातृभूमि की रक्षा के खातिर,
हम वतन को झुकने ना देंगे।

चाहे कट जाये सर हमारा अभी,
तिरंगे को कभी झुकने नही देंगे।

आन, बान, शान कभी कम ना हो,
सरहदों की सीमाओं पर डटे रहेंगे।

हंसकर झूल गये फंसी पर वीर जवान,
लहुलुहान होकर के दुश्मन को मार गिराया।

स्वतंत्रता के भीषड़ रण में कूद पड़े,
भारत माता के वो असली लाल कहाए।

तीन रंगों से बना तिरंगा ये भारत की शाम है,
केसरिया सफेद और हरा सब प्रतीक कहाए है।

जाने कितनी मां की गोद सूनी हो गई,
जाने कितनों के सुहाग उनसे छीन गये।

हर तीज त्योहार को भुलाया वतन की खातिर,
हर फर्ज से बड़ा फर्ज आज वतन का समझा है।

सरयू सी बहतीं इस तट पर भी तैनात रहे,
कर्तव्य पथ से कभी ना अपने को विमुख होने दिया।


- रामदेवी करौठिया


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गणतंत्र दिवस

खुशी का त्योहार है अपना
सबके मन में उमंग है
अपने वतन में भाईचारा
देख कर पूरी दुनिया दंग है

खुश हों सारे भारतवासी
गणतंत्र दिवस यह आया है
आपसी सौहार्द कायम रहे
यह सन्देशा लाया है
सब धर्मों के लोग यहां
मिल जुल कर सब रहते हैं
पहले हैं हम भारतबासी
सब सीना ठोक कर कहते हैं

कोई मुश्किल आन पड़े तो
सब आगे आ जाते हैं
कुर्बानी देने से कभी भी
तनिक नहीं घबराते हैं

वेश भूषा है यहां अलग अलग
खान पान भी है जुदा जुदा
कोई कहे हरे राम हरे कृष्ण
कोई कहे खुदा खुदा

अनेकता में एकता का
यह उदाहरण सबसे बड़ा है
तभी तो इस देश में लोकतंत्र
इतनी मज़बूती से खड़ा है
लोकतंत्र का बड़ा पर्व यह
इसको सफल बनाना है
सभी जन हम एक हैं
यह दुनियाँ को बताना है
मेरा वतन आगे बढ़े
अमन चैन यहां सदा रहे
वैर भाव न हो कोई
बस भाई चारा बना रहे।
- रवींद्र कुमार शर्मा


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गणतंत्र देश में हमें मिले अधिकार।
गोरों की जगह मिली चुनी हुई सरकार।।
अधिकारों के साथ निर्वहन को कर्तव्य भी मिले।
जनता के चेहरे चैन व आजादी से खिले।।
मतदाता अपनी सरकार चुनने में हुए स्वतंत्र।
इस अधिकार को वे तरसते थे जब देश था परतन्त्र।।
बोलने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार
और मिला सूचना का अधिकार।
परतन्त्रता में इन सबका हुआ था तिरस्कार।।
गणतन्त्रता के पचहत्तर वर्ष हो गये पूरे।
हमें वो सब कुछ मिल गया
जिसके बिना हमारे सपने थे अधुरे।।


- विनोद वर्मा


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।। गणतंत्र दिवस आया ।।
बापू तुम तो हो सचमुच कमाल के।
गणतंत्र दिवस आया,लहराया तिरंगा फूलों की बरसात हुई।
खुशियों की किरन अब फ़ुटी है,दूर गम की अंधेरी वो रात हुई।
अब ज़माना मुझे कोई एसी मिशाल दे,
बिना लड़ाई के कोई दुश्मन निकाल दे।
वाक़ई बापू तुम तो हो सचमुच कमाल के,
सत्य अहिंसा से दिखाया दुश्मन निकाल के।
अाज़ादी की ख़ातिर परेशानियां कितनी,
मुल्क के लिये दी सबने क़ुर्बीनियां कितनी।
फ़िरंगी की मनमानियां चलने ही कहां दी,
ताक़त हिंदुस्तानियों ने अपनी दिखा ही दी।
वाकिफ़ है,ज़माना बापू तेरे हर कमाल से,
देश के लिये रख दिया, खुं अपना निकाल के।
ग़ुलामी की ज़ंजीर से अाज़ाद मां को कराया,
हर हिंदुस्तानी की सुरत में भारत मुस्कुराया।
डरता है ज़माना "अहमद" भारत के लाल से,
रख देता है,ये दुश्मन का कलेजा निकाल के।


- डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज़


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हमारा भारत
एक क्रांति जब उठी देश में
भगतसिंह के नाम से।
थरथर कांपी थी अंग्रेजी
उस किशोर के काम से।।

भाव भरा था देशप्रेम का
जिसकी चौड़ी छाती में।
जन्मा था वो लाल भगतसिंह
इस भारत की माटी मे।।

निश्वार्थ लड़ा ना चाह रही
कोई जीवन को जीने की।
बार दिया तन मन सबकुछ
कर दफन इच्छायें सीने की।।

बनना है तो भगत बनो
कुछ त्याग करो तुम जीवन में।
पाल रहे हो द्वेष भावना क्यों अपनों से ही मन में।।

एक जाट जो हँसकर के
फांसी का फंदा झूलगया।
उस किशोर की कुर्बानी को
भारत कैसे भूल गया।।

इतिहास रचेगा पुनः तभी
जब तुम कुछ करके दिखलाओ।
एक बार मन से मन जोड़ो
युवाक्रांति को तुम लाओ।

जट पंजाबी भगतसिंह का नाम हमेशा याद रहे।
देशप्रेम के खातिर वो कुर्बानी सबको याद रहे।।

महज उमर थी चौदह की पंजाब मे भड़की क्रांति थी।
भारत को कब्जाने पाली अंग्रेजों ने जो भ्रांति थी।।

नाकों चने चबाने को मजबूर किया था गोरों को।
बना स्वयंका दल क्रांति खूब जगाया औरौं को।।

निश्वार्थ लड़ा था भगतसिंह जब खौला उसका खून था।
चंद्रशेखर, सुखदेव, राजगुरु, सबमे भरा जुनून था।।

भगत सिंह तो भगतसिंह था बहुत बड़ा मतवाला था।
देश के कौने कौने मे जाकर के डेरा डाला था।।

जब फिरंगियों ने लाजपतराय को गोली मारी थी।
बदला लेने राजगुरु संग भगत ने गोलीं दागी थीं।।

वो अलवेले मस्ताने थे करदी हॉम जबानी थी।
रगरग मे थी देश भावना पावन वो कुर्बानी थी।।

भरी जबानी खोने का न जिसको जरा मलाल था।
विद्यावती और किशनसिंह ने जना सिंघ सा लाल था।।

जयहिंद जय इंकलाब का गूंजगया वो नारा था।
बेटा था भारत माँ का वो भाई वीर हमारा था।।

तुम भी उस पथपर चल देखो वो कुर्बानी याद रहे।
जट पंजाबी भगतसिंह का नाम हमेशा आबाद रहे।।

वीरों की कुर्बानी से ही
स्वतंत्र हमारा देश हुआ।
संविधान लागू होनेपर
ये भारत गणतंत्र हुआ।।

- राणा भूपेंद्र सिंह


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आओ गणतंत्र दिवस मनाएं
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं, मनाए बड़ी धूमधाम से,
देश के वीरों की विजय गाथा गाएं,गाएं बड़ी शान से।
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं, मनाए बड़ी धूमधाम से,
खूब सजा होता है आज के दिन दिल्ली में राजपथ,
बड़ी शान से गुजरते हैं,
यहां गणतंत्र दिवस पर झांकियों के रथ।
राजमार्ग पर गुजरती है गणतंत्र दिवस परेड,
हर भारतवासी देखता है कि हमारा देश हुआ है कितना अप टू डेट।
हर वर्ष 26 जनवरी को मनाते हम गणतंत्र दिवस, हुआ राष्ट्र महान,
इसी दिन लागू हुआ था हमारे प्यारे भारत वर्ष का संविधान।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने किया था यह अविस्मरणीय काम,
चल रहा इसी अनुसार पग पग पर पूरा हिंदुस्तान।
कर्तव्य पथ पर फहराते राष्ट्रपति तिरंगा झंडा प्यारा,
सारी परेड की सलामी लेते, लगता हर सैनिक दुलारा।
तरह-तरह की झांकियां निकाली जाती, हो जाते सब प्रसन्न,
जांबाज हमारे यूं करतब दिखाते , रह जाते सब सन्न।
आइए अपना झंडा कुछ ऐसे फहरायें,
अपने देश को विश्व में सबसे आगे ले जाएं।
ना रहे कोई भूखा नंगा, ना हो कोई बेरोजगार,
देश की प्रगति में हर हाल में साथ देंगे हम,
आओ करें यह उद्गार।
आओ गणतंत्र दिवस मनाएं, मनाए बड़ी धूमधाम से,
देश के वीरों की विजय गाथा गाएं,गाएं बड़ी शान से।


- लेफ्टिनेंट जय महलवाल


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कव्वाली - हमारा देश !!

भारत:- हमारा देश इस जग में सारे देशों से न्यारा है - 2
हमारे देश में... हमारे देश में..
हमारे देश में सबसे ज़्यादा भाईचारा है,
हमारा देश इस जग में सारे देशों से न्यारा है - 2

अमेरिका:- हमारा देश इस जग में सारे देशों से निराला है - 2
हमारा देश ही... हमारा देश ही..
हमारा देश ही सबसे ज़्यादा तरक्की वाला है,
हमारा देश इस जग में सारे देशों से निराला है - 2
भारत:- अमन है यहाँ पे और बहुत शान्ति है,
इस बात को तो सारी दुनिया भी जानती है!

अमेरिका:- विज्ञान है हम पे और बहुत तकनीकी है,
हमसे ही तो सबने, ये चीजें सीखी हैं!

भारत:- सच्चाई है यहाँ पे और ईमानदारी भी है,
हिन्दू और मुस्लिमों की आपस में यारी भी है!
अमेरिका:- मॉडर्न है देश हमारा, जानता है जग ये सारा,
एक बार सन पैतालीस में, जापान भी हमसे हारा - 2
भारत:- "हमको तो जां से ज़्यादा, तिरंगा अपना प्यारा है"
हमारा देश इस जग में सारे देशों से न्यारा है - 2
अमेरिका:- मिसाइलें हैं हम पे और परमाणु बम हैं,
भारत:- हमसे जो टकरा जाये उनमें कहाँ इतना दम है!
अमेरिका:- तुम्हारे यहाँ जातिवाद है और ज़्यादा धर्म-कर्म है,
भारत:- तुम्हारे यहाँ तो देखो हर कोई बेशर्म है!
अमेरिका:- पाकिस्तान ही तुम पर छोड़ रहा है आतंकवादी,
भारत:- हमने भी कई बार उनको, उनकी औकात बता दी!
भारत:- सभ्यता और संस्कृति यहाँ पे, आदर सम्मान है प्यारे,
अमेरिका:- अच्छा जी माफ़ करना, आप से हम भी हारे - 2
अमेरिका:- भारत देश इस जग में सारे देशों से न्यारा है - 2
इस बात को कहता... ये संसार भी सारा है!
भारत+अमेरिका:- भारत देश इस जग में सारे देशों से न्यारा है - 2

- आनन्द कुमार


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।। गणतंत्र की सालगिरह ।।

छब्बीस जनवरी आई है ,कितनी खुशियां लाई है।
सालगिरह गणतंत्र की मनाएंगे ,देशभक्ति के तराने गुनगुनाएंगे।।

उत्सव होगा देश में,पर अलग होगी राजपथ की छटा।
क्या देशी क्या विदेशी, हर ओर मेहमानों से होगा अटा।।

तिरंगे के रंगों में लिपटे वाल-गोपाल शोभा बढ़ाते हैं।
बहादुरी को अंजाम देने वाले, सम्मान यहाँ पर पाते हैं।।

लगता जैसे देश है सारा , आज यहाँ पर सिमटा।
झलक हर संस्कृति की मिलती , देख सुकून है मिलता।।

सीमाओं के प्रहरी करते ,जब राजपथ पर शक्ति प्रदर्शन।
सीना चौड़ा हो जाता ,रोमांचित हो जाता तन -मन।।

विकास की राह पर सरपट,देश हो रहा अग्रसर।
हर सालगिरह ये सिखाती ,बढ़ता चल अनथक निरंतर।।

कदम से मिलाकर कदम ,सैनिक बढ़ते जब आगे।
दुस्साहसी दुश्मन सीमा छोड़, जाते भागे –भागे।।

जज्वा इनका देख,नव ऊर्जा होती संचारित।
नवीन कुछ कर जाएँ ,पाते अजीब सी ताकत।।

हाथी आते ,घोड़े आते ,लयबद् जब आते जवान।
कोना –कोना पंडाल का,करतल ध्वनि से होता गुंजायमान।।

देश भक्ति की धुन बजाता ,सेना का जब बैंड है आता।
देश पर कुर्बान होने को ,रोम-रोम हमारा तत्पर हो जाता।।

हर आँख शहीदों की याद से ,हो जाती है नम।
सिर खुद व खुद झुक जाते ,करते उन्हे नमन।।

धरती पर तो उत्सव है होता, आसमां में भी होता खूब नजारा।
हर आँख तक-टकी देखे, कितना सुन्दर गणतंत्र हमारा।।

चीरते सीना नभ का, आते वायु सेना के यान।
दंग रह जाते सब,देख हमारी आन, बान और शान।।

तीन रंग का धुआँ फैलाते, उड़ते जाते जहाज |
लगता जैसे तिरंगे का शानी, नहीं कोई आज।।

नजर जिधर भी जाती, केसरिया, सफेद और हरा है पाती।
खुद स्रष्टा भी देख तमाशा ,खुद –बुध खो जाती।।

झाँकियाँ लाती ,हर राज्य की संस्कृति का संदेश |
तिरंगा हर झांकी पर लहराता, देता एकता का संदेश।।

“अलग-अलग हम राज्य जरूर हैं ,देश हमारा एक”
भाँत –भाँत के प्रांत –प्रांत के, गाने बच्चे गाते।
भूल-भाल हम सब कुछ, मन मगन हो जाते।।

जन –गण-मन ओर बंदे मातरम की धुनें जब बजाई जाती।
गौरवान्वित करती संग ,सावधान रहना सिखलाती।।

लाल किले पर झूमता ,लहराता तिरंगा,दूर बहती धाराओं में माँ यमुना ओर गंगा।
कश्मीर से कन्या कुमारी ,गुजरात से मणिपुर ,देश एक ही रंग है रंगा।।

“धरम “जशन-ए-गणतंत्र पर हमें ,आज शपथ हैं लेनी ,
शान बची रहे इसकी बस,चाहे जान भी पड़ जाए देनी।

गणतंत्र की ये सालगिरह हो सबको मुबारक ,
मेहनतकश बन हम सबको लिखनी है एक नई इबारत।।


- धरम चंद धीमान

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।। हमारा तिरंगा ।।

देश की आन बान शान है तिरंगा
आसमान में शान से लहराता है तिरंगा
तीन रंगों से बना है हमारा तिरंगा
हिन्दुस्तान की पहचान है ये तिरंगा
तीनों रंगों की महत्व बतलाता है ये तिरंगा
देश की समृद्धि बतलाता है ये तिरंगा
केसरिया रंग से बल शक्ति भरता है
सफेद रंग सच्चाई को इंगित करता है
हरा रंग देश की हरियाली दिखाता है
तिरंगा आसमान में शान से लहराता है
तिरंगा मे नीली रंग की पहिया दिखता है
ये दुनिया को एक नया संदेश देता है
हमेशा गतिमान रहे हमारा ये देश
विश्व गुरु बने हमारा भारत देश
देश की आन बान शान है तिरंगा
आसमान में शान से लहराता है तिरंगा
तिरंगा को संभाल रखे ये देश वासी
दिल को मिलेगा एक अलग ही खुशी
तिरंगा हमारे भारत देश की शान है
यही तिरंगा तो हमारे देश की पहचान है
आओ सब मिल कर तिरंगे को करे सलाम
चुन्नू कवि करते हैं सबो को आह्वान
देश की आन बान शान है तिरंगा
आसमान में शान से लहराता है तिरंगा

- चुन्नू साहा

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