स्वागत है नववर्ष तुम्हारा,आओ फिर इक बार।
बीत गया यह साल पुराना, देकर खुशी अपार।
मस्तक तिलक लगाकर प्यारे,आना तुम इस बार।
कोई दुखी न रहने पाये,ऐसा दो उपहार।
माँ की ममता मिले सभी को,मिले पिता का प्यार।
जीवन सफल बने सभी का , दुःखों से हो पार।
सौंधी-सौंधी खुशबू लाना,लाना प्यार बहार।
महके दुनिया की फुलवारी,जगत रहे गुलज़ार।
मैं भी महकूँ तुम भी महको, महके हर घर द्वार।
जूही ,चंपा ,बेला बनना, बनना हरसिंगार।
चमक उठे यह सारी दुनिया, ऐसा हो आभिसार।
मन-मन उल्लासित हो सबका,रहे न कोई खार।
कूहू-कूहू कोयल बोले,चातक करे गुहार।
बन बासंती वृद्धा नाचे, जीवन रंग फुहार।
मूक,बधिर भी बोल उठें,सुनकर तेरी पुकार।
ऐसा रंग जमाना प्यारे ,बाँछें खिलें हज़ार।
- अनामिका कली
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