साहित्य चक्र

21 January 2024

राम सत्य है सदा से उनका न कोई सानी है




वर्षों   की  तपस्या  का आज  मिला है पावन फल,
सत्य की होती है जीत बाकी सब निरर्थक निष्फल। 

आज सनातनी  एक हुए तो  राममय हुआ संसार,
हर जन-जन,कण -कण में छाई है खुशियां अपार।

कार सेवकों के रुधिर से सना  सरयू का पानी था,
 उनको भूल न जाना जिसका ना कोई सानी था।

उनके ही बलिदानों का अब मिला सुखद परिणाम, 
जय श्री राम के नारो से गूँज  रहा अयोध्या धाम।

जब तंबू में थे भगवान राम तब खड़े सब थे मौन,
आज सवाल पूछने वाले तुम बताओ होते हो कौन।

राम से ही होता आरंभ श्री राम से ही होता है अंत,
क्या करें उनकी बखान उनकी महिमा है अनंत।

सोहर या विवाह के गीत सब में होता राम का नाम,
उनके नाम के बिना सफल नहीं होता कोई काम।

जय श्री राम जय श्री राम अब बोलो सब अनवरत, 
राम को खुद में रमाओ ये प्रयास करते रहना सतत।


                                                                      - सविता सिंह मीरा 


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