साहित्य चक्र

06 January 2024

सच्चा प्रेम बस साथ देता है





मजबूरियां ओढ़ दूर हो जाने पर,
जिम्मेदारियां पहन मुस्कुराने पर,
अकेली रातों में छोड़ जाने पर,
चुप रह कर,
सब सहकर,
प्रेम विश्वास देता है।

छोड़ दो या लौट आओ..
रूठ जाओ या मनाओ..
हार कर उस प्रेम को चाहो तो सब जीत जाओ..
हार में भी खुशियां तुम्हारी स्वीकार लेता है..।

दूर जाओ, 
पास आओ,,
हर तरफ से बढ़ा स्नेह वह हाथ देता है,,
सच, जो प्रेम है सच्चा..
हमेशा तुम्हारा साथ देता है..
आंसू चुनो, या खुशियां चुन लो..
सच्चा प्रेम बस साथ देता है..।

 - सौजन्या

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