साहित्य चक्र

10 August 2017

साहित्यकार की सहित्य पहचान- 'विदुषी' शर्मा



जी हाँ...! हर साहित्यकार की अपनी एक पहचान होती है..। चाहे कलम की नोक से हो... या फिर शब्दों की रचना से..। हर साहित्यकार की एक अलग पहचान ही उसे अपने आप में अलग बनाती है..। वैसे होने को साहित्य में कई महान साहित्यकार पैदा हुए है...। लेकिन कुछ ऐसे भी साहित्यकार रहे हैं..। जिन्हें अपनी पहचान नहीं मिल पाई या नहीं मिल पाती है...। आज हम एक ऐसे साहित्यकार की बात करेंगे जिनका बचपन साहित्य की गलियों में बिता है। जी हाँ..! हम बात कर रहे है..। विदुषी शर्मा की..। जिसके परिवार में लगभग सभी लोग साहित्य से जुड़े हुए हैं। 

आइए जानते & पढ़ते है..। साहित्यकार विदुषी शर्मा और जयदीप पत्रिका के संपादक दीपक कोहली की खास बातचीत...। 

सवाल- आप एक साहित्यकार है..?  इस पर आपका क्या कहना है..?
जवाब- हाँ..! मैं एक साहित्यकार हूँ..। साहित्य के क्षेत्र में काम कर रही हूँ..और काम करना चाहती हूँ..। मैं युवाओं को साहित्य से जोड़ने के लिए प्रयास कर रही हूँ..। साहित्य ही हमारी पहचान है..साहित्य ही हमारी शान है...।


सवाल-  आज और पहले के साहित्य और शिक्षा में क्या अंतर है...?
जवाब- पहले की शिक्षा भावनात्मक होती थी..। लेकिन आज की शिक्षा महज एक शिक्षा है..। आज की शिक्षा में इंटरनेट का महत्व काफी बढ़ गया है..। जो पहले की शिक्षा में था ही नहीं..। पहले अध्यापक और शिष्य का सीधा सामना होता था..। वही आज अध्यापक की भूमिका मात्र बराबर रह गई है..। पहले अध्यापकों का मान-सम्मान हुआ करता था..। पर आज ऐसा बिल्कुल भी नहीं है...। पहले के साहित्य में हाव-भाव, भावनात्मक, रचनात्मक होती थी। आज का साहित्य काफी अगल और बदल गया है..।


सवाल- आपने हरियाणा के रोहतक से पढ़ा है..। आप हरियाणा के बारे में क्या विचार रखती है..? 
जवाब- हाँ..! मैंने हरियाणा के रोहतक से ही शिक्षा प्राप्त की है..। हरियाणा एक अच्छा प्रदेश है..। आज हरियाणा जिस तरह ऊंचाई छू रहा है..। वो काबिले तारीफ है..। मुझे गर्व है हरियाणा और आपने देश पर..।  

सवाल- क्या हरियाणा में लड़कियों को पढ़ने का मौक कम मिलता है..? इस पर आपके क्या विचार है..?
जवाब- हाँ..। पहले ऐसा था..। अब ऐसा नहीं है..। अब जागरूकता फैल रही है..। हमें सबसे पहले खुद को साबित करना होगा..। हमें दृढ़ सकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है..। साथ ही लगन और मेहनती होना भी जरूरी है..। पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती..। यह मेरा मानना है..। 


सवाल- आप पीएचडी होल्डर है..। इस पर आप क्या कहेंगे..? पीएचडी करने के लिए क्या-क्या बिंदु जरूरी है..। 
जवाब- हाँ..! मैंने पीएचडी की है..। मैं समाज के लिए काम करना चाहती हूँ..और करती रहूंगी..। वैसे किसी को कुछ ऐसे ही प्राप्त नहीं होता है..। उसके लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ सकल्प होना बेहद ही जरूरी है..। मेरी यहां तक की सफलता में मेरे परिवार का एक अहम रोल रहा है..। 
पीएचडी कोई भी कर सकता है..। लेकिन उसे अच्छे विषय और कड़ी मेहनत करनी होगी..। आपको जो विषय अच्छा लगे आप उस पर पीएचडी कर सकते है..। पीएचडी करने के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ सकल्प होना बेहद जरूरी है..। पीएचडी करने के लिए आपके पास पोस्ट डिग्री होना जरूरी है। पीएचडी करने मेंं लगभग तीन साल चाहिए..। जिसमें सामान्यत: दो से तीन लाख फीस होती है..। 

सवाल- आप दिल्ली रहती है..। आप दिल्ली के बारे में क्या सोचते है..? 
जवाब- दिल्ली देश की राजधानी ही नहीं..देश का दिल है..। दिल्ली मेट्रो सिटी है..। जो हर समय चलती रहती है। दिल्ली भारतीय राजनेताओं का मुख्य केंद्र भी है..। दिल्ली से ही देश की राजनीति पर नजर रखी जाती है..।

सवाल- अगर आपको दिल्ली का सीएम बना दिया जाए तो आप सबसे पहले क्या करना पसंद करेंगे..।
जवाब- मैं ऐसा ख्वाब नहीं देखती...हूँ..। और ना ही मुझे बनना है..। ना मैं बनना चाहती हूँ..। हमें सबसे पहले जागरूकता फैलानी चाहिए..। जनता को हर चीजों के बारे में जानकारी आसानी से उपलब्ध करनी चाहिए..।   

सवाल- आजकल की युवा पीढ़ी पर आप क्या कहेंगे...?
जवाब- आजकल हर बच्चा परिवार के साथ नहीं रह पा रहा है..। क्योंकि आजकल के मां-बाप अपने बच्चों को समय नहीं दे पा रहे है..। जिसका मुख्य कारण है..। मां-बाप दोनों का नौकरी करना..। जिसके कारण आजकल के बच्चों में भावनात्मकता की कमी मिलती है..। हर बच्चा इंटरनेट की दुनिया में खोता जा रहा है या खोया है..।

सवाल- आज की नारी पर क्या कहेंगे..?
जवाब- आज की नारी खुद पर निर्भर है...। जो सब कुछ कर लेती है..। आज की नारी आत्म निर्भरता के साथ - साथ सब अपने - अपने में मस्त है..।

सवाल- आप एक कवियत्री भी है..। आपको कविता लिखने का शोक कहां से और कब से लिख रहे है..? 
जवाब- हाँ..! मैं एक कवियत्री भी हूँ..। हमारे परिवार में लगभग सभी लोग साहित्य और कविताओं से जुड़े हुए है..। यानि सब कविताएं लिखतें और पढ़ते है..। हमारे परिवार में पैतृक गुण है साहित्य, रचनाएं..। मैं कक्षा सात से कविताएं लिखती आ रही हूँ..। 

सवाल-  एक कवि होने के नाते आपको पता होगा एक कवि में क्या गुण होने चाहिए..?
जवाब- एक कवि में आत्मा, भावनात्मकता, दूसरों के प्रति प्रेम और ईश्वर के प्रति श्रद्धा और आस्था होना बेहद जरूरी है..। यह मेरा मानना है..।

सवाल-  आप देश के बारे में क्या कहना चाहेंगे..?
जवाब- जब से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनें है..। तब से मैंने देखा है देश के युवाओं में देश प्रेमी का भाव बढ़ा है...। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी देश प्रेमी भाव के लिए पूरे देश में सबसे ताकतवार नेता के रूप में उभर कर  सामने आए है..।  

सवाल- आप जयदीप पत्रिका के माध्यम से देश के युवाओं को क्या संदेश देना चाहेगें...?
जवाब- सबसे पहले मैं जयदीप पत्रिका और उसके संपादक दीपक कोहली को धन्यवाद देना चाहूंगी..। जिन्होंने मुझे जयदीप पत्रिका के मंच पर आंमत्रित किया..। मैं देश के युवाओं और उनके परिजनों से एक ही बात कहूंगी..। आप भावनात्मक बनें और साहित्य को अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान दें..। 


                                                                         रिपोर्ट- दीपक कोहली

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