साहित्य चक्र

17 August 2017

# पुरुषों की दशा #

आज हम आपको कुछ अलग और कुछ रोचक बातों से वाकिफ़ कराने जा रहे हैं। जो आपने पहले कभी भी नहीं सुनी होगी। अक्सर हम बात करते है लड़कियों & महिलाओं की, जिन पर कई विद्वानों ने अपने-अपने विचार प्रकट किए हैं। जो कि अब एक सामान्य बात हो गई है...। आज हम जिस विषय पर बात कर रहे है, वह विषय कुछ खास है...। हम आज उन पुरुषों की बात करेगें, जो खुद परेशानियां सह कर अपने परिवार को खुश रखते हैं। अपनी परेशानी किसी को बताते भी नहीं हैं। मैं मानता हूं, महिलाएं मानसिक तौर पर उतनी मजबूत नहीं होती हैं, जितने पुरुष होते हैं। क्या कभी आपने सोचा जिन पुरुषों की आप बात कर रहे हैं। वो भी कभी कभार मानसिक रूप से दु:खी हो जाते है। आज भी हमारे देश में कई ऐसे इलाके है... जहां पुरुषों पर आर्थिक, मानसिक भेद-भाव होता रहता है।

जहां देश में एक तरफ आज भी लड़का पैदा होते ही खुशी की लहर दौड़ पड़ती है, तो वहीं देश के कई इलाके ऐसे है जहां पर आज भी लड़कों के साथ कुकर्म किए जाते हैं। लेकिन फिर भी वो बच्चे या लड़के सह लेते है। तो वहीं आजकल पुरुषों के साथ रेप जैसी घटनाएं भी सामने आ रही है। अगर आपको इन बातों में विश्वास नहीं हो रहा हो तो आप गूगल पर सर्च कर इन घटनाओं के बारे में विस्तार से जान या पढ़ सकते हैं। वैसे हमारे समाज में पुरुषों को बचपन से ही मजबूत माना जाता है। लेकिन हमारे समाज में सभी एक जैसे नहीं होते है। देश में कई ऐसे बच्चे भी है, जो अपने टीचर और अपने रिश्तेदारों के कुकर्मों के शिकार होते रहे हैं। ऐसी कई घटनाएं आए दिन सामने आती रही हैं। कई घटनाएं तो दब जाती है। जो देहात क्षेत्रों में होती है। लड़कों के साथ कुकर्म करना, या उनका शोषण करना आज एक चुनौती बनी हुई हैं। वहीं देश के कई स्टार बचपन में शोषण का शिकार हो चुके है..। इससे आप अंदाजा लगा सकते है..। इस विषय पर हमें व हमारे समाज को आगे आने कि जरूरत है..।  अगर ऐसा ही चलता रहा तो, वो दिन दूर नहीं जब देश में एक भूचाल आ जाएगा...। सरकार को इस विषय पर सर्वे कराने चाहिए..। एक कमेटी बनाकर इस पर शोध करना चाहिए...।   




                                      रिपोर्ट- दीपक कोहली


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