साहित्य चक्र

29 August 2017

# टिहरी गढ़वाल की महारानी...! माला 'लक्ष्मी'



टिहरी गढ़वाल की महारानी...! या राजरानी के नाम से जानी जाने वाली शाही परिवार की बहू माला 'लक्ष्मी' है..।  जो इस समय देवभूमि के टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद है..। जी हाँ...सही पढ़ा और सही सुना..! माला लक्ष्मी ही शाही परिवार की बहू और टिहरी गढ़वाल की सांसद है..। 
माला राजलक्ष्मी का जन्म 23 अगस्त 1950 में नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुआ..। माला की पढ़ाई - नेपाल के 'रत्ना राज्यलक्ष्मी कॉलेज' ( Ratna Rajya Laxmi College) काठमांडू और Convent of Jusus Mary, Pune से हुई है..। माला नेपाल की राज परिवार की बेटी थी..। जिसके बाद माला की शादी टिहरी गढ़वाल के शाही परिवार के राजा महुजेंद्र शाह साहिब बहादुर (Mahujendera Shah Sahib Bahadur) से 7 फरवरी 1975 हुआ..। शादी के एक साल बाद माला लक्ष्मी ने एक बेटी को जन्म दिया..। जिसका नाम क्षीरया कुमारी देवी (Kshirya Kumari Devi) है..। माला राज्यलक्ष्मी एक समाजसेवी के साथ-साथ एक राजनेत्री भी है..। जो देवभूमि की राजनीति में एक अहम रोल निभाती है..। माला राज्यलक्ष्मी उत्तराखंड की प्रथम महिला सांसद है..। जो उत्तराखंड राज्य गठन के बाद बनीं..। माला राजलक्ष्मी शांत सभाव और सुशील मन की स्त्री है...। जो हर विषय पर राज्य के साथ खड़ी दिखती है..। माला देवभूमि में भारतीय जनता पार्टी की प्रमुख नेताओं में गिनी जाती है...। बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव में माला को टिहरी गढ़वाल के लोकसभा सांसद सीट से लड़ाया..। जिसमें माला की जोरदार जीत हुई...। इतना ही नहीं बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखण्ड की पांचों सीटों में विजय हासिल की..। इससे पहले माला राज्यलक्ष्मी ने 2012 के उपचुनाव में विजयश्री हासिल की थी..। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें टिहरी गढ़वाल से लोकसभा टिकट दिया...। माला राज्य लक्ष्मी एक राजनेत्री ही नहीं बल्कि एक समाजसेविका भी है..। जिन्होंने कई सामाजिक कार्य किए है..। देवभूमि में स्त्रियों की जो दशा है..उसे देखते हुए..। माला राज्यलक्ष्मी का यह सफर शानदार कहा जा सकता है..। माला राज्यलक्ष्मी उन महिलाओं और उन युवतियों के लिए एक ऐसा उदाहरण है....जो राजनीति में आना चाहती है...। माला लक्ष्मी को उत्तराखंड की इंदरा कहा जाए तो गलत नहीं होगा..। शाही मान...राजनीति आन... माला की शान..। यहीं राजलक्ष्मी की पहचान..।


                                                               रिपोर्ट- दीपक कोहली

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