मेरे सुने आँगन में तेरा आना
यूँ लगा जैसे ज़मी ने आसमान पा लिया।
तेरी किलकारियों से मेरे लाल
महक उठा मेरा घर अंगना।
दादा दादी का लाडला
चाचा और बुआ का चहेता।
मम्मी पापा की आँखों का तारा
तेरे आने से जगमगा उठा संसार सारा।
जन्म सिर्फ तुमने लिया बेटे
पर मेरा भी नया जन्म हुआ।
तेरा यूँ घुटनों पर चलना
सारे घर में दौड़ लगाना।
और जब तुमने पहली बार पुकारा
"माँ" मैं तो निहाल ही हो गयी मेरे लाल।
तब जो ना कह सकीं आज कहती हूँ
तेरा जीवन में आना मेरे जीवन को पूरा कर दिया।
तेरा दादू की गोदी मे चढ़ कर इतराना
ना बोल पाने पर भी अपनी तूतली भाषा में।
ऊ... ऊ... करके उंगली से इशारा करना
और जब कोई बारात आता मोहल्ले में।
तो दूल्हे के ससुराल तक जाने की जिद्द करना
और तेरे जिद्द को पूरी करके दादू का इठलाना।
दादी का तेरी बार बार नजर उतरना
सचमुच जान बन गया था तू मेरे लाडले।
नाना नानी की आँखों का तारा
नाम तेरा "तेषू" नानी ने दिया।
बहुत अरमान है सभी के तुझसे
क्यूँकी शान है तू हम सभी का।
नाम रौशन करना तू मेरे लाल
पर सबसे पहले बनना नेक दिल इन्सान।
हर दिल अजीज आज भी तू है
हम सभी का दुलारा।
जीवन हो खुशियों से भरा
हर पल हर दिन ये देती हूँ दुआ।
तू सदा सदा खुश रहे मेरे लाल
*****
- दुर्गेश नंदनी नामदेव
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